आधार कार्ड (Aadhaar Card) आज बच्चों से लेकर बूढों तक हर किसी के लिए एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य दस्तावेज है. सरकारी योजना का लाभ लेना हो, नया बैंक अकाउंट खुलवाना हो या बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाना हो आदि जैसे सभी जरुरी कामों में आधार कार्ड की जरुरत पड़ती है. यही वजह है कि आधार कार्ड में मौजूद हर एक जानकारी सही और स्पष्ट होनी चाहिए. ऐसा न करने पर कभी आपका जरुरी काम अटक सकता है. यूआईडीएआई के अनुसार आधार पत्र या आधार पत्र का कटा हिस्सा या आधार की डाउनलोड की गई प्रतिलिपि या एम-आधार पूरी तरह से वैध है. Baal Aadhaar Card: 5 साल से छोटे बच्चों का ऐसे बनवाएं बाल आधार कार्ड, जानें- पूरा ऑनलाइन प्रोसेस
आधार के सभी रूप समान रूप से मान्य और पहचान के प्रमाण (Proof Of Identity) के रूप में स्वीकार्य हैं. लोग अपनी सुविधा के अनुसार आधार के किसी भी रूप का उपयोग करना चुन सकते हैं. हाल ही में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ट्वीट कर बताया कि आधार लेटर (Aadhaar Letter), ई-आधार (eAadhaar), एमआधार (mAadhaar) और आधार पीवीसी कार्ड (Aadhaar PVC Card) सभी समान रूप से मान्य और स्वीकार्य हैं.
You can use any form of #Aadhaar as per your convenience. #Aadhar Letter, #eAadhaar, mAadhaar and Aadhaar PVC Card are all equally valid and acceptable. pic.twitter.com/fXRtZYcXeI
— Aadhaar (@UIDAI) July 29, 2021
आधार पत्र या किसी सामान्य कागज पर आधार का डाउनलोड किया गया संस्करण सभी उपयोगकर्ताओं के लिए पूरी तरह वैध है. अगर किसी व्यक्ति के पास एक कागजी आधार कार्ड है तो उसे अपने आधार कार्ड को लैमीनेट कराने या पैसे देकर तथाकथित स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है.
अगर कोई व्यक्ति अपना आधार कार्ड खो देता है तो वह अपने आधार कार्ड को निशुल्क https://eaadhaar.uidai.gov.in से डाउनलोड कर सकते है. डाउनलोड किया गया आधार कार्ड (श्वेत-श्याम रूप में भी) भी उतना ही वैध है, जितना यूआईडीएआई द्वारा भेजा गया मूल आधार पत्र. इसे प्लास्टिक/पीवीसी पर छापने की कोई आवश्यकता नहीं है.
आम लोगों को सलाह दी जाती है कि अपनी गोपनीयता की सुरक्षा के लिए वे अपने आधार नंबर या व्यक्तिगत विवरणों को अवैध एजेंसियों के साथ इसे लैमीनेट कराने या प्लास्टिक कार्ड पर प्रिंट कराने के लिए साझा न करें.
यूआईडीएआई ने भी कई बार अनाधिकृत एजेंसियों को चेतावनी देते हुए आगाह किया कि वे आधार कार्ड बनाने के लिए आम लोगों से आधार की जानकारियां इकट्ठा न करें, क्योंकि इस तरह की जानकारियां इकट्ठा करना तथा अनाधिकृत रूप से आधार कार्ड की छपाई करना भारतीय दंड संहिता और आधार अधिनियम 2016 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है.