नई दिल्ली. जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. साथ ही हिंसा में शामिल कुछ नकाबपोश लोगों की तस्वीरें भी जारी की. हिंसा के बाद से ही सवाल उठता रहा है कि हमला करने वाले नकाबपोश आखिर कौन थे जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ और मारपीट की. इसी को लेकर इंडिया टुडे ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया है. इस स्टिंग ऑपरेशन में एबीवीपी कार्यकर्ता ने हिंसा के लिए खुद लड़के जुटाने की बात को माना है.
इस पुरे स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो सामने आने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दावा किया कि जो शख्स वीडियो में दिख रहा है वो एबीपीपी से जुड़ा हुआ नहीं है. इसके साथ एबीवीपी ने कहा कि उसके कार्यकर्ता, जिनके नाम जेएनयू हमला मामले में पुलिस ने बतौर संदिग्ध लिए हैं, वे 5 जनवरी को कैम्पस में हुए हमले में शामिल नहीं थे. यह भी पढ़े-JNU हिंसा: दिल्ली पुलिस के आरोपों पर जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा- मेरे पास भी हमले के सबूत हैं
ABVP का ट्वीट-
Akshat Awasthi is neither an office bearer, nor a karyakarta of ABVP, as claimed by @IndiaToday. This is a smear campaign run by India Today to deviate everyone from the facts put forth by @DelhiPolice proving #LeftBehindJNUVoilence.
- National General Secretary @nidhitripathi92
— ABVP (@ABVPVoice) January 10, 2020
एबीवीपी ने आगे कहा कि वह इसके संबंध में दिल्ली पुलिस के साथ सबूत साझा करेगा. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को 9 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं. साथ ही दावा किया था कि जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक है.
एबीवीपी की तरफ से विकास पटेल और योगेन्द्र भारद्वाज संदिग्धों में शामिल हैं. एबीवीपी ने इन दोनों लोगो को लेकर कहा कि पटेल और भारद्वाज उसके सदस्य हैं लेकिन वे हिंसा में शामिल नहीं थे.