Sambhal Violence: संभल में हिंसा के बाद अब हालात होने लगे सामान्य, आज से स्कूल और बाजार खुलेंगे
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 Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है. हालात में सुधार होते देख  प्रशासन ने आज से जिले में स्कूल और बाजार खोलने का निर्णय लिया है. ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई नुकसान न हो. साथ ही, लोगों को रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने में कोई दिक्कत न हो, इसलिए बाजार भी खोलने के बारे में प्रशासन ने निर्णय लिया है.

मंगलवार से मार्केट और स्कूल खोल दिए जायेंगे. एसपी संभल कृष्ण बिश्नोई ने ऐलान किया है. संभल पुलिस ने व्यापार मंडल के साथ प्रशासनिक अधिकारी की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था. यह भी पढ़े: Sambhal Violence: संभल हिंसा पर राहुल और प्रियंका ने योगी सरकार को घेरा, लगाया पक्षपात का आरोप

एसपी MP जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ FIR:

वहीं संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है.

एसपी सांसद बर्क को इससे पहले जारी हुआ था नोटिस:

पुलिस अधीक्षक ने बताया,‘‘बर्क को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 168 के तहत कोतवाली थाना पुलिस द्वारा पहले नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे। उनसे कहा गया था कि आप इस तरह के भाषण न दें लेकिन उन्होंने उसके बाद भी भीड़ को उकसाने के लिए और 'जामा मस्जिद की हिफाजत' बयान के साथ लोगों को उकसाने करने का प्रयास किया.

मामले में सपा MP बर्क की सफाई:

संभल में हुई हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद उन्होंने मामले में सफाई दी है. बर्क ने कहा कि जिस दिन संभल में हिंसा हुई वह संभल तो क्या उत्तर प्रदेश में भी नहीं थे. उन्होंने कहा, "मैं बेंगलुरु में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने के लिए गया था. मैं अपने लोगों की मदद न कर पाऊं और मेरी आवाज को दबाने के लिए तथा अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पुलिस ने यह झूठा मुकदमा दर्ज किया है.