महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम होने जा रहा है. खबर है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज सुबह 11 बजे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की शानदार जीत के बाद राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
एकनाथ शिंदे की अपील: समर्थकों से न जुटने की गुजारिश
एकनाथ शिंदे ने अपने आधिकारिक निवास ‘वर्षा’ में समर्थकों के जुटने की संभावना को लेकर एक खास अपील की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद, हमारी सरकार राज्य में फिर से बनेगी. हमने एकजुट होकर चुनाव लड़ा और आज भी गठबंधन मजबूत है."
उन्होंने आगे कहा, "मुझसे प्रेम के कारण कुछ लोगों ने मुंबई में जुटने की अपील की है. मैं इस स्नेह के लिए गहराई से आभारी हूं. लेकिन मैं सभी से निवेदन करता हूं कि मेरे समर्थन में ऐसा कोई प्रदर्शन न करें."
महायुतीच्या प्रचंड विजयानंतर राज्यात पुन्हा एकदा आपले सरकार स्थापन होणार आहे. महायुती म्हणून आपण एकत्रित निवडणूक लढवली आणि आजही एकत्रच आहोत. माझ्यावरील प्रेमापोटी काही मंडळींनी सर्वांना एकत्र जमण्याचे, मुंबईत येण्याचे आवाहन केले आहे. तुमच्या या प्रेमासाठी मी अत्यंत मनापासून ऋणी…
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) November 25, 2024
महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर कब्जा जमाया. चुनाव आयोग के मुताबिक, बीजेपी ने 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में जीत हासिल की. वहीं, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने 57 सीटें और एनसीपी (अजीत पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं.
नए मुख्यमंत्री को लेकर कयास
राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर अभी भी चर्चाएं जारी हैं. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, जो पहले दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, को इस पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. फडणवीस का प्रशासनिक अनुभव और बीजेपी के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के कारण उनका नाम चर्चा में है.
क्या है शिंदे के इस्तीफे का राजनीतिक संकेत?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महायुति गठबंधन के भीतर शक्ति संतुलन बनाए रखने और गठबंधन के सभी घटकों को संतुष्ट करने के लिए नेतृत्व परिवर्तन किया जा सकता है. शिंदे गुट की भूमिका हालांकि गठबंधन में अहम रहेगी, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
आगे की राह
महायुति गठबंधन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती सरकार के गठन के दौरान सभी घटक दलों के बीच संतुलन बनाए रखना है. मुख्यमंत्री पद पर फैसला गठबंधन की एकजुटता और राज्य की राजनीतिक स्थिरता के लिए अहम होगा. क्या होगा महाराष्ट्र की सियासत का अगला अध्याय? इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं.