भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) (आईआईटी) इस साल के अंत तक भारत के बाहर अपना पहला कैंपस खोलने जा रहा है. जी हां, देश के बाहर आईआईटी तंजानिया (IIT Tanzania) के जांजीबार (Zanzibar) में अपने पहले कैंपस की स्थापना करेगा.
अक्टूबर 2023 में प्रोग्राम लॉन्च की योजना
इसमें अक्टूबर 2023 में प्रोग्राम लॉन्च करने की योजना है. यह भारत के बाहर स्थापित होने वाला पहला आईआईटी परिसर (IIT Campus) होगा. दरअसल, जांजीबार में आईआईटी मद्रास के एक परिसर की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. समझौते पर बुधवार रात विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और जांजीबार के राष्ट्रपति हुसैन अली मविनी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.
तंजानिया के जांजीबार में आईआईटी मद्रास के परिसर की स्थापना के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, आईआईटी मद्रास और तंजानिया के शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रालय (एमओईवीटी) के बीच यह समझौता तय हुआ है.
यह ऐतिहासिक कदम ग्लोबल साउथ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता
भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि यह ऐतिहासिक कदम ग्लोबल साउथ के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. विदेश मंत्री ने जांजीबार के राष्ट्रपति के साथ अपनी मुलाकात को आनंददायक बताया. उन्होंने भारत-जांजीबार साझेदारी के प्रति उनकी मजबूत प्रतिबद्धता की भी सराहना की. डॉ. जयशंकर ने कहा कि हमारी विकास साझेदारी और रक्षा सहयोग ऐसे क्षेत्र हैं जिनके साथ वह निकटता से जुड़े हुए हैं. उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर तंजानिया की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं.
अपनी इस यात्रा के दौरान, डॉ. जयशंकर उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे और अपने समकक्ष के साथ 10वीं संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे. वह भारत सरकार की क्रेडिट लाइन द्वारा वित्त पोषित जल आपूर्ति परियोजना का दौरा करेंगे और शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्री भारत के संसदीय मैत्री समूह के सदस्यों से भी मिलेंगे और भारत-तंजानिया व्यापार बैठक का उद्घाटन करेंगे. बाद में, वह भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे और दार एस सलाम में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे.
भारत और तंजानिया के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती
इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा, यह परिसर भारत और तंजानिया के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को दर्शाता है और भारत द्वारा पूरे अफ्रीका और वैश्विक दक्षिण में लोगों के बीच संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की याद दिलाता है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 सिफारिश करती है कि उच्च प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों में परिसर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
PM मोदी की प्रतिबद्धता का प्रतीक
वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि आईआईटी मद्रास- जांजीबार परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत है.
केवल इतना ही नहीं, यह पहल दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ अफ्रीका के साथ लोगों के बीच मजबूत संबंध बनाने की पीएम मोदी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ज्ञान को द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख घटक बनाने के साथ-साथ वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है.