
Indigenous MRI Scanner India: भारत ने चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. देश का पहला स्वदेशी मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) स्कैनर तैयार हो गया है और इसे 2025 तक दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में परीक्षण के लिए लगाया जाएगा. इस तकनीक से MRI स्कैन की लागत लगभग 50% तक कम हो जाएगी और भारत को विदेशी उपकरणों पर निर्भरता से मुक्ति मिलेगी.
क्यों खास है स्वदेशी MRI मशीन?
कम लागत – विदेशी MRI स्कैनर की तुलना में इसकी कीमत आधी होगी, जिससे आम जनता को कम खर्च में उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम – अब तक भारत में ICU, MRI और अन्य चिकित्सा उपकरण विदेशों से आयात किए जाते थे, लेकिन यह MRI मशीन आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देगी.
स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति – यह तकनीक भारत में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी और अधिक लोगों तक MRI जैसी उन्नत सुविधा पहुंचाने में मदद करेगी.
AIIMS के निदेशक का क्या कहना है?
AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास के अनुसार, "स्वदेशी MRI मशीन बनाकर हमने एक बड़ा कदम उठाया है. यह न केवल विदेशी निर्भरता कम करेगा, बल्कि भारत को चिकित्सा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा. AIIMS में इसका परीक्षण कर हम इसे और बेहतर बनाएंगे ताकि यह सभी मानकों पर खरी उतरे."
India has developed its first indigenous MRI machine, set to be installed at AIIMS Delhi by October for trials. The move aims to reduce treatment costs and reliance on imported medical devices, as 80-85% of equipment is currently imported. The indigenous MRI machine will help… pic.twitter.com/KIDqTluxr7
— ANI (@ANI) March 25, 2025
कौन बना रहा है यह MRI स्कैनर?
इस MRI स्कैनर को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत काम करने वाली SAMEER (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च) नामक संस्था ने विकसित किया है.
MRI स्कैनर के परीक्षण और उपयोग से जुड़े मुख्य बिंदु
✅ AIIMS-Delhi और SAMEER के बीच एक समझौता (MoU) हुआ है.
✅ अक्टूबर 2025 तक 1.5 टेस्ला MRI मशीन AIIMS-Delhi में लगाई जाएगी.
✅ मानव परीक्षण की अनुमति मिलते ही मरीजों पर इसका इस्तेमाल शुरू होगा.
✅ केंद्र सरकार MRI स्कैनर के परीक्षण और मान्यता देने के लिए गाइडलाइंस बना रही है.
✅ यह MRI मशीन सॉफ़्ट टिशूज़ को स्कैन करने के लिए इस्तेमाल होगी.
SAMEER का अन्य बड़ा प्रोजेक्ट
MRI स्कैनर के साथ SAMEER ने एक और महत्वपूर्ण तकनीक विकसित की है – 6 MEV लीनियर एक्सीलेरेटर. यह कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाली तकनीक है, जो हाई-एनर्जी एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन्स का उपयोग करके कैंसर सेल्स को नष्ट करने में मदद करती है.
भारत का पहला स्वदेशी MRI स्कैनर देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगा. इससे न केवल विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम होगी, बल्कि MRI जांच की लागत भी आधी हो जाएगी, जिससे लाखों मरीजों को फायदा मिलेगा. यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को भी मजबूती प्रदान करेगी और भारत को चिकित्सा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी.