भारत और चीन की सेनाओं के बीच सोमवार रात गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए हैं. वहीं LAC पर अब भी तनाव बरकरार है. वहीं सीमा पर तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देने वाले वीर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि गलवान में शहीद जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. उन्होंने कहा गलवान में सैनिकों की क्षति परेशान करने वाली और दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अपने वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया. उन्होंने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में शहीदों के परिजनों के साथ देश कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. उनके इस बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा.
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की थी. वहीं पीएम मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई है. जहां चीन मसले पर चर्चा हुई. वहीं चीन की इस धोखेबाजी का भारत की आम जनता से लेकर नेता तक नींदा कर रहे हैं. पीएलए के सैनिकों ने सोमवार रात गश्त के दौरान भारतीय सेना के जवानों के एक छोटे समूह पर हमला किया था जिससे भारतीय कमांडिंग अधिकारी सहित 20 जवान शहीद हो गए थे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह:-
The loss of soldiers in Galwan is deeply disturbing and painful. Our soldiers displayed exemplary courage and valour in the line of duty and sacrificed their lives in the highest traditions of the Indian Army.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2020
वहीं जवाबी हमले में भारतीय सेना ने भी चीन को गहरा घाव दिया है. जो उसे याद दिलाएगा कि यह भारत पलटवार करने में किसी से कम नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक चीन के करीब 40 से अधिक सैनिक झड़प में हताहत हुए हैं. रिपोर्ट के अनुसार अब खबर है कि इस घटना में चीन का एक कमांडिंग अफसर मारा गया है.
फिलहाल चीन की तरफ से अभी तक कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, वैसे चीन की सरकार जितना बोलती है वहां की मीडिया और लोग उतना ही बोल पाते हैं उससे ज्यादा बोलने पर बोलती बंद कर जाती है. शायद कारण है कि चीनी सरकार की जुल्मों से कराहते उइगर मुस्लिमों की आवाज आज तक चीन की सीमा के बाहर तक नहीं पहुंची है.