भोपाल, 21 दिसंबर : मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी ने अजीब आदेश दिया है. इसके तहत बच्चों को पालकों की अनुमति के बिना सांता क्लाॅज न बनाने का आदेश जारी किया है. आदेश की अवहेलना करने पर स्कूल की मान्यता तक खतरे में पड़ सकती है. कांग्रेस ने डीईओ के आदेश पर सवाल उठाए हैं.
दरअसल, शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने बीते दिनों एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन अगर बच्चों को सांता क्लास बनाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें परिजनों से अनुमति लेना होगी. यह अनुमति लिखित में आवश्यक है. इस आदेश का जो स्कूल पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़े: असली हिंदू हो तो मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमी का पक्ष लेकर दिखाओ, सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस नेताओं को दी चुनौती
क्रिसमस का त्योहार करीब है और कई विद्यालयों में बच्चों को सांता क्लाॅज की वेशभूषा पहनाई जाती है और उन्हें ठीक सांता क्लाॅज के रंग में रंगा भी जाता है. इसी को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि परिजनों की अनुमति लिखित में आवश्यक है, उसके बाद ही बच्चों को सांता क्लॉज बनाया जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखना आवश्यक है.
दुबे ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि त्योहार के मौके पर विभिन्न अशासकीय संस्थाओं में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और बच्चों को विभिन्न पात्रों की वेशभूषा पहनाई जाती है. बाद में लोग इसको लेकर अपनी बात कहते हैं और विवाद की स्थिति बनती है इसलिए यह आदेश जारी किया गया है.
इस आदेश पर कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया का कहना है कि जो परंपराएं और परिपाटी चली आ रही थी, उसके खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं। इसके पीछे भाजपा का मकसद लोगों का ध्यान समस्याओं से हटाने पर है. जहां तक शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी का आदेश है तो मैं कहना चाहता हूं कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है जब तक हमारे धर्म का अपमान नहीं हो रहा हो तब तक हमें दूसरे धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए.
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने भी बच्चों को लेकर राजनीति न करने का आग्रह किया है।