हैदराबाद: चीन में बढ़ते गंजापन की समस्या का फायदा उठाते हुए एक अवैध गिरोह भारत-म्यांमार के रास्ते बालों की तस्करी कर रहा था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में इस गिरोह का 11,793 करोड़ रुपये का काला कारोबार सामने आया है. जांच में पता चला है कि इस तस्करी के जटिल नेटवर्क में तीन प्रमुख रास्ते - हैदराबाद, मिजोरम और म्यांमार शामिल थे और धन शोधन के जरिए काला धन वापस लाया जा रहा था.
जांच में यह भी पता चला है कि म्यांमार के व्यापारियों से कैसे यह काला धन वापस हैदराबाद पहुंचाया जाता था. कुल 11,793 करोड़ रुपये में से लगभग 2,491 करोड़ रुपये नकद (21% से अधिक) कई खातों में जमा कराए गए और फिर अलग-अलग तरीकों से घुमाए गए.
फरवरी 2022 में, ईडी ने देश भर में छापेमारी की और म्यांमार के रास्ते बालों के निर्यात के इस रैकेट का पर्दाफाश किया. टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा इस पूरे मामले को उजागर करने के बाद, ईडी ने 2021 में हैदराबाद स्थित नायला फैमिली एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामले दर्ज किए. इस कंपनी पर फर्जी आयात-निर्यात कोड (आईईसी) का इस्तेमाल करने, जालसाजी करने और दूसरों के नाम पर कंपनियां चलाने (बेनमी) का आरोप है.
बरामदगी के मुताबिक, बालों की तस्करी हैदराबाद हवाई अड्डे और अन्य जमीनी रास्तों से म्यांमार, बांग्लादेश, वियतनाम और चीन को की जा रही थी.
जांच में यह भी पाया गया कि नायला कंपनी ने कई फर्जी कंपनियां बनाईं, जिनके जरिए बालों को बहुत कम कीमत पर निर्यात किया जाता था. टाइम्स ऑफ इंडिया के पास उपलब्ध दस्तावेजों से पता चलता है कि जब भी ये कंपनियां कर विभाग के साथ परेशानी में पड़ती थीं, तो उन्हें बंद कर दिया जाता था और नए आईईसी बना लिए जाते थे. अनुमान के मुताबिक, इस तस्करी से हर साल लगभग 8,000 करोड़ रुपये हवाला के जरिए प्राप्त किए जा रहे थे.