Gyanvapi Case: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर के अंदर 'शिवलिंग' की खोज के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के प्रोफेसर रतन लाल (Ratan Lal) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसी हफ्ते हिंदू कॉलेज, डीयू में इतिहास के प्रोफेसर डॉ रतन लाल के खिलाफ फेसबुक पर एक जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट करने का केस दर्ज किया गया है. कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न
डीयू के प्रोफेसर ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की ताजा तस्वीर के साथ कथित तौर पर अपमानजनक पोस्ट किया था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में साइबर पुलिस स्टेशन उत्तरी जिले में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और पक्षपातपूर्ण कृत्य करना) और 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने के उद्देश्य से) के तहत मामला दर्ज किया है.
शिकायतकर्ता दिल्ली के एक वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर कहा था कि डॉ. रतन लाल द्वारा किया गया पोस्ट न केवल 'उकसाने और भड़काने वाला' है, बल्कि हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच भावनाओं को भी भड़का रहा है.
पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर एके-56 का लाइसेंस मांगा
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर रतन लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. प्रधानमंत्री को लिखे खत में प्रोफेसर ने एके-56 राइफल का लाइसेंस मांगा है. प्रोफेसर ने सवाल करते हुए कहा था कि क्या औरंगजेब ने क्या ब्राह्मणों को दक्षिणा नहीं दी, मंदिरों को दक्षिणा नहीं दी. दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर रतन लाल का कहना है कि जितने लोगों ने मुझे गाली दे रहे है क्या उन पर एफआईआर नहीं होना चाहिए. वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद कब बनी इस बात का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है. उन्होंने इसे चुनावी राजनीति से जुड़ा हुआ विषय बताया.
प्रोफेसर ने कहा कि अगर यह बहस कराई जा रही है कि बनारस में उक्त स्थान पर मंदिर है तो मैं यह कहता हूं कि यह 2024 के चुनाव का एजेंडा सेट किया जा रहा है. प्रोफेसर रतन लाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस देश में दलित-बैकवर्ड और मुसलमान की कोई आस्था नहीं है, सिर्फ आस्था आप ही की है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे जान से मारना है तो मार दीजिए. देश में लोकतंत्र नहीं है. प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि मस्जिदों की डीप खुदाई होनी चाहिए और अगर वहां खुदाई में बौद्ध विहार निकले तो उनको भी बौद्धों को वापस करना चाहिए.
शिवलिंग पर की विवादित टिप्पणी
प्रोफेसर ने शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि जो शिवलिंग तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है, काटा हुआ लग रहा है. इसके बाद उन्होंने इस्लाम से जुड़े हुए तथ्य रखते हुए शिवलिंग के बारे में विवादित बातें कहीं. प्रोफेसर ने शिवलिंग को काटे जाने की बात को इस्लाम की एक धार्मिक मान्यता से जोड़कर इसका उपहास उड़ाया है.
राष्ट्रवादी इतिहास पर पीएचडी करने वाले रतन लाल ने कहा कि शिवलिंग पर पांच लकीर खींची गई है, इसकी व्याख्या कौन करेगा. उन्होने बहस की चुनौती देकर कहा कि बहस कीजिए. बहस करने के लिए मंच बनाइए और इतिहासकारों को बुलाइए.
बता दें कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद इस समय कानूनी लड़ाई का सामना कर रही है. वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद के ढांचे की जांच करने का निर्देश दिया था. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण सोमवार को पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दावा किया कि मस्जिद के वुजुखाने के अंदर 12 फीट का 'शिवलिंग' पाया गया है. अगले दिन यानी मंगलवार को यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. शीर्ष अदालत ने वाराणसी प्रशासन को उस क्षेत्र की सुरक्षा और सील करने का निर्देश दिया, जहां एक शिवलिंग पाए जाने का दावा किया जा रहा है. (एजेंसी इनपुट के साथ)