नई दिल्ली, 20 जुलाई : इस्राइली पेगासस स्पाइवेयर (Israeli Pegasus Spyware) का इस्तेमाल कर प्रमुख नागरिकों की कथित जासूसी की खबरों को निराधार बताते हुए सत्तारूढ़ भाजपा ने सोमवार को कहा कि इस बारे में अब तक ऐसा एक भी सबूत नहीं है जो केंद्र सरकार से जुड़ा हो या पार्टी से. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, भाजपा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा की गई आधारहीन और बेबुनियाद टिप्पणियों का पार्टी कड़ा खंडन करती है.
उन्होंने कहा, अब तक इस विवाद से केंद्र सरकार या बीजेपी को जोड़ने वाले सबूतों का एक भी टुकड़ा नहीं है. यह डिजिटल स्पाइवेयर का मामला है, और इस प्रकार डेटा के रूप में कम से कम कुछ ठोस सबूत प्रस्तुत किए जाने चाहिए, ताकि आरोपों को सही ठहराया जा सके. प्रसाद ने कहा, दुनियाभर में कई संभावित डेटाबेस हो सकते हैं, जिनमें लोगों की संख्या या नाम शामिल हैं. ऐसा कोई डेटाबेस भारत सरकार से कैसे संबंधित है जब तक कि कुछ सबूत प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं? यह कहानी स्वयं दावा करती है कि डेटाबेस में किसी फोन नंबर की मौजूदगी का मतलब यह नहीं है कि हैक करने या पेगासस को संक्रमित करने का प्रयास किया गया. यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश में 9वीं और 10वीं की कक्षाएं 5 अगस्त से शुरू होंगी : शिवराज सिंह चौहान
रिपोटरें को प्रकाशित करने वाले वेब पोर्टल (द वायर) पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा, कल, हमने एक फ्रिंज न्यूज पोर्टल द्वारा एक सनसनीखेज रिपोर्ट देखी, जो नकली समाचार प्रसारित करने के लिए बदनाम है. हालांकि, निर्माण के दिनों के बाद भी, यह जैसा कि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने स्वीकार किया है, एक नम स्क्वीब निकला. उन्होंने एमनेस्टी इंटरनेशनल पर भी हमला किया और कहा, क्या हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं के पास कई मायनों में भारत विरोधी घोषित एजेंडा था? जब हमने उनसे कानून के अनुसार उनके विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा तो वे भारत से हट गए.
जिन लोगों ने खुद कहानी को तोड़ा, उन्होंने यह दावा नहीं किया कि डेटाबेस में एक विशेष संख्या की उपस्थिति यह पुष्टि करती है कि यह पेगासस से संक्रमित है. राष्ट्र के सामने सभी तथ्यों को प्रकट करना सबसे महत्वपूर्ण है. व्हाट्सएप ने विशेष रूप से सर्वोच्च के समक्ष विरोध किया. कोर्ट ने कहा कि इसका डेटा पेगासस द्वारा हैक नहीं किया जा सकता है. प्रसाद ने पूछा कि स्पाइवेयर के इस्तेमाल के लिए सिर्फ भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है, जबकि 45 देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.