नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने निरंतर आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने का विश्वास जताया. सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ राजधानी में एक बैठक में उनके कामकाज की समीक्षा करते हुये वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में लिखा-पढ़ी के साथ संगठित ढंग से कारोबार का विस्तार होने से भारत को आठ प्रतिशत की दर से मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवसथा से बैंकों को भी मजबूती से आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा इसके विपरीत जहां बैंकों को अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा माना जाता है, वहीं बैंकों को बढ़ती अर्थव्यवस्था की कर्ज जरूरतों को पूरा करने के लिये मजबूत होने की आवश्यकता है.यहां जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बैंकों से कहा कि वह कर्ज देने का काम पूरी ईमानदारी से करें और बैंकों में पुन: जो भरोसा किया गया है उसे सही साबित करने के लिये धोखाधड़ी करने तथा जान बूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कार्रवाई करें. बैंकों को हर समय ऐसे संस्थान के रूप में दिखना चाहिये जो कि पूरी ईमानदारी और सूझबूझ के साथ कर्ज का वितरण करते हैं.’’ यह भी पढ़े: राफेल डील: राहुल गांधी ने पीएम पर फिर कसा तंज, कहा-राफेल के सवाल पर नजरें चुराते हैं मोदी
वित्त मंत्री की सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जब ‘वैकल्पिक प्रणाली’ ने सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों -बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक-- के विलय का फैसला किया है. यह निर्णय वैश्विक आकार के मजबूत और बड़े बैंक बनाने की दृष्टि से किया गया है.बैंकों ने, जहां तक उनके फंसे कर्ज की बात है, इसकी वसूली के लिये प्रयास तेज किये हैं. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने पुराने फंसे कर्ज में से 36,551 करोड़ रुपये की वसूली की है. पिछले साल की इसी तिमाही में की गई वसूली के मुकाबले यह राशि 49 प्रतिशत अधिक है. पिछले वित्त वर्ष 2017- 18 में बैंकों ने कुल 74,562 करोड़ रुपये की वसूली की है.
बयान के मुताबिक जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न वाणिज्यिक गतिविधियों के औपचारिक तंत्र के तहत आने और बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेश होने से देश में खरीद क्षमता बढ़ी है। इससे भारत की वृद्धि गति तेज होगी।मंत्रालय ने कहा कि ‘‘इससे देश को आठ प्रतिशत के आसपास आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी.’’चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है. यह भी पढ़े: टीम इंडिया के खिलाफ शतक जड़ने वाले मोहम्मद शहजाद ने फिटनेस को लेकर कोहली को दी थी चुनौती, Watch Video
जेटली वित्त मंत्री होने के साथ ही कारर्पोरेट कार्य मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता (आईबीसी), माल एवं सेवाकर (जीएसटी), नोटबंदी और डिजिटल भुगतान जैसे कदमों के जरिये अर्थव्यवसथा को औपचारिक तंत्र में लाने से वित्तीय क्षमता और जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिली है.
आईबीसी कानून के सकारात्मक परिणाम को नोट करने के साथ ही जेटली ने रिण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) की क्षमता और उनकी उपयोगिता पर फिर से गौर करने पर जोर दिया है. खासतौर से इनमें लगने वाले लंबे समय पर गौर किया जाना चाहिये. उन्होंने इन न्यायाधिकरणें के जरिये वसूली प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि इनके गठन के वास्तविक उद्देश्य को हासिल किया जा सके.