कोरोना के अंधकार पर प्रहार के लिए देशवासियों ने रात 9 बजे 9 मिनट के लिए जलाएं दीप, मोमबत्ती और फ्लैश लाइट- देखें तस्वीरें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलाएं दिए (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के आह्वान पर देशवासियों ने आज (5 अप्रैल) रात ठीक 9 बजे दीप, मोमबत्ती और फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना वायरस महामारी से फैले अंधकार पर कड़ा प्रहार किया. इसके साथ ही दुनियाभर को इस संकट की घड़ी में एकजुटता का भी संदेश दिया है. देश के हर हिस्से में कोरोना महामारी के खिलाफ लोगों ने एकजुटता की भावना प्रदर्शित की. लोगों ने रात 9 बजे से नौ मिनट के लिए घरों की बत्ती बंद कर दीया, मोमबत्ती और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाई.

प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में कहा था कि भारत प्रकाश की शक्ति का अनुभव करेगा और अपने संघर्ष को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करेगा. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के अंधकार के बीच राष्ट्र को अनिवार्य रूप से उजाले और उम्मीद की ओर निरंतर प्रगति करनी चाहिए. मोदी ने कहा कि इस लॉकडाउन में कोई अकेला नहीं है. उन्होंने कहा कि एक सौ तीस करोड़ भारतीयों की शक्ति प्रत्येक के साथ है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ-

देश के विभिन्न हिस्सों में लाइटें बंद दिखी. 9 मिनट के लिए लोग घर के दरवाजे पर और बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, दीया, टॉर्च और मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाया.

सूरत का नजारा-

प्रधानमंत्री मोदी ने बीते तीन अप्रैल को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था “कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच, हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है. जो इस कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, हमारे ग़रीब भाई - बहन उन्हें निराशा से आशा की तरह ले जाना है.”

उन्होंने कहा “इस कोरोना संकट से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चितता की तरफ बढ़ना है. इस अंधकारमय कोरोना संकट को पराजित करने के लिए, हमें प्रकाश के तेज को चारो दिशाओं में फैलाना है. इसलिए 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है. यदि घर की सभी लाइटें बंद करेंगे, चारो तरफ जब हर व्यक्ति एक-एक दीया जलाएगा, तब प्रकाश की उस महाशक्ति का ऐहसास होगा, जिसमें एक ही मकसद से हम सब लड़ रहे हैं, ये उजागर होगा. उस प्रकाश में, उस रोशनी में, उस उजाले में, हम अपने मन में ये संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है.”