मथुरा, 31 जनवरी : राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष एवं मथुरा के पूर्व सांसद जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने शनिवार को कहा कि किसान बिरादरी पुरानी बातें भूलकर एकजुट हो गई है और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर अब कोई समझौता नहीं होगा. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के आह्वान पर मथुरा के मांट विधानसभा क्षेत्र के बाजना कस्बे के मोरकी इण्टर कॉलेज में आरोजित किसान पंचायत ने चौधरी ने कहा, ‘‘किसान बहुत भोला-भाला है. राष्ट्रीय लोकदल किसी राजनीतिक मंशा से नहीं, बल्कि किसानों पर हो रहे अत्याचार को देख उनके साथ खड़ा हुआ है. यही वजह है कि किसान आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट हो गए हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसान बिरादरी पुरानी सब बातें भुलाकर एक हो गई है. इसलिए अब जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं हो जाते, आंदोलन जारी रहेगा. यह फैसला शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में हुआ है और हमारा संघर्ष जारी रहेगा.’’ पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘किसानों पर लाठी चलवा सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है. इससे क्रूर और निर्दयी सरकार आज तक नहीं आई. मैं ऐसी सरकार को लानत भेजता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसानों का बदन लोहा, लेकिन दिल सोना है. इस आंदोलन को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है. सोते हुए किसानों पर डण्डे बरसाए गए. मैं इसकी भी आलोचना करता हूं.’’ यह भी पढ़ें : Farmers Protest: दिल्ली की सीमाओं पर बढ़ाई गई सुरक्षा, गाजीपुर बॉर्डर पर 12 लेयर की बैरिकेडिंग
उन्होंने कहा, ‘‘चौधरी साहब (अजित सिंह) ने भी कहा है कि यह हमारे जीवन-मरण का सवाल है. किसे सरकार कुचलना चाह रही है, किस पर लट्ठ चला रही है, किसान पर. सरकार को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा.’’ समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य संजय लाठर ने 2022 और 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा को सबक सिखाने की चेतावनी दी. भाकियू नेता सोनू प्रधान ने इस दौरान कहा कि राकेश टिकैत के हर आंसू का हिसाब सरकार से समय पर लिया जाएगा.