देश भर से हजारों की तादाद में किसानों ने कृषि ऋण माफ करने और फसलों के लिए उच्च दाम जैसी कई अन्य मांगों के साथ यहां रामलीला मैदान(Ramlila Maidan) में पहुंच चुके हैं. वहीं अपनी मांगो लेकर किसान आज रामलीला मैदान से चलते हुए संसद मार्ग तक पैदल मार्च निकालने वाले हैं. किसान कर्जमाफी, फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कृषि के लिए विशेष सत्र बुलाने जैसी मांगों को लेकर यह प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही कर्ज मुक्त बनाने और फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग करेंगे.
देश के विभिन्न भागों से दिल्ली (Delhi) के प्रवेश मार्गों पर एकत्र होकर आंदोलनकारियों का रामलीला मैदान तक पैदल और वाहनों से पहुंचने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ( All India Kisan Coordination Committee ) के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों से किसानों की मांग का समर्थन करते हुये आंदोलन में भागीदारी की है. समिति के महासचिव अवीक शाहा और स्वराज इंडिया के संयोजक योगेन्द्र यादव की अगुवाई में दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बिजवासन से सुबह शुरु हुयी किसान मुक्ति यात्रा लगभग 25 किमी की पदयात्रा कर देर शाम रामलीला मैदान पहुंची.
Delhi: #Visuals from Ramlila Maidan on the second day of 2-day protest by farmers from all across the nation, who are asking for debt relief, better MSP for crops, among other demands pic.twitter.com/Awkh9uwIbh
— ANI (@ANI) November 30, 2018
किसान, वकील, सैनिक भी हुए शामिल
किसनों के इस आंदोलन में पूर्व सैनिकों के संगठन ने भी किसानों की मांग का समर्थन करते हुए किसान मुक्ति यात्रा में शिरकत की. इस दौरान संगठन के प्रमुख मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिक किसान आंदोलन में दो दिन तक साथ रहेंगे. बता दें कि अनजान ने बताया कि यह पहला अवसर है जब किसानों के समर्थन में डॉक्टर, वकील, शिक्षक, रंगकर्मी और छात्र संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों ने भी किसान आंदोलन में हिस्सेदारी की है.
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सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
किसान मार्च (farmers protest ) के दौरान किसी प्रकार कि कोई अनहोनी न हो इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है. किसानों के मार्च के दौरान सड़कों के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ सुरक्षाबल तैनात होंगे. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इस मार्च के कारण यातायात प्रभावित नहीं हो. वहीं राजधानी में यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए तकरीबन 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे.