तेलंगाना चुनाव: तैयारियों की समीक्षा के लिए हैदराबाद टीम भेजेगा इलेक्शन कमीशन
चुनाव आयोग (twitter credits: ANI)

नई दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत ने शुक्रवार को कहा कि तेलंगाना में चुनाव की तैयारियों के आकलन के लिए निर्वाचन आयोग अगले सप्ताह एक टीम हैदराबाद भेजेगा. समय पूर्व चुनाव के लिए राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के अनुरोध पर विधानसभा भंग कर दी गई है. सीईसी ने राज्य में चुनाव को मिजोरम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के साथ कराने के सुझाव को ‘इस स्थिति में कल्पना’ करार दिया.

रावत ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का कथित दावा कि चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे, यह ‘स्वीकार्य नहीं है’ क्योंकि निर्वाचन आयोग एकमात्र प्राधिकारी है जो चुनाव कार्यक्रम पर फैसला करने और इसकी घोषणा करने के लिये संविधान के तहत अधिकृत है.

आयोग ने एक बयान में कहा कि वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा इस टीम का नेतृत्व करेंगे. यह टीम ‘चुनाव तैयारियों के संबंध में राज्य में स्थिति का आकलन’ करेगी. इसके अनुसार टीम 11 सितंबर को राज्य पहुंचेगी. दौरे के बाद वह आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट बुधवार रात को सौंपी जा सकती है.

चुनाव आयोग जमीनी स्तर पर तैयारियों की करेगा समीक्षा

रावत ने कहा कि निर्वाचन आयोग तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ जमीनी स्तर पर तैयारियों की समीक्षा करेगा और दक्षिणी राज्य में चुनाव के समय के बारे में विचार करेगा, जिसकी घोषणा आगे की जाएगी.

तेलंगाना के चुनावों को मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनावों के साथ कराने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘इस वक्त इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.’ उन्होंने कहा कि एक कार्यवाहक सरकार को छह महीने तक बने रहने और विधानसभा के लिए जवाबदेह नहीं रहने के बावजूद फैसले करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

राव की चुनाव कार्यक्रम संबंधी घोषणा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख का नाम लिए बगैर कहा, ‘कोई भी ईसी के अधिकार को खत्म नहीं कर सकता. यह वाकई में स्वीकार्य नहीं है. यह गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए.’ राव ने यह घोषणा की थी कि चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे क्योंकि ईसी इस समयसीमा को लेकर सहज है. राज्य मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. हालांकि इसका कार्यकाल जून, 2019 तक था.