Divyesh Darji Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने दिव्येश दर्जी समेत कई लोगों से की क्रिप्टोकरेंसी, सोना समेत 433 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
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Divyesh Darji Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपी दिव्येश दर्जी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में में लगभग ₹433 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी, सोना और नकदी के रूप में चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. ईडी की जांच भारतीय दंड संहिता, गुजरात जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा अधिनियम और प्राइज चीट मनी सर्कुलेशन स्कीम बैनिंग एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के तहत गुजरात में सूरत पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट पर आधारित है. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें श्री दर्जी, सतीश कुंभानी और शैलेश भट्ट शामिल हैं. यह भी पढ़ें: अब भी लोग दबाए बैठे हैं 2,000 रुपये के नोट, कितने नोट आए वापस, RBI ने किया खुलासा

ईडी के अनुसार, नवंबर, 2016 से जनवरी, 2018 तक, कुंभानी ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकनेक्ट कॉइन के प्रमोटर के रूप में, प्रमोटरों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क स्थापित किया और लोगों को भारी रिटर्न की पेशकश करके बिटकनेक्ट कॉइन से संबंधित विभिन्न योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोमोट किया था. इन्वेस्टीगेशन की लेटेस्ट अपडेट की मुताबिक, कुंभानी समेत उनके कई सहयोगियों ने लोगों से झूठ बोल भारी निवेश जुटाया और निवेशकों को धोखा दिया था. ईडी के मुताबिक, गलत तरीके से की गयी आय का एक हिस्सा जो सतीश कुंभानी और उनके सहयोगियों के पास था उसे शैलेश भट्ट और उनके सहयोगियों द्वारा सतीश कुंभानी के दो सहयोगियों का अपहरण करके वसूला गया था.

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ईडी के मुताबिक इस मामले में जब्त की गई चल संपत्तियां सतीश कुंभानी, शैलेश भट्ट और उनके सहयोगियों द्वारा लोगों को गुमराह करके की अर्जित की आय का एक हिस्सा है. मुख्य आरोपी दिव्येश दर्जी को 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था जब वह दुबई से लौट रहे थे.