नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की चीन नीति की आलोचना की. एक इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने कहा कि चीन नीति से जुड़ी पहले की बातों को समझना आज बेहद मुश्किल है. चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है...मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है...हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों. जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा.” India-China Relations: ड्रैगन का दंश, व्यापारिक जंग और कूटनीतिक खामोशी, भारत-चीन के बीच 2023 में भी बनी रही कटुता.
न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया कि क्या भारत हमेशा माइंड गेम में चीन से हारा है? इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि 'मुझे ऐसा नहीं लगता कि हम हमेशा हारे हैं लेकिन पूर्व में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिन्हें आज समझना बहुत मुश्किल है. पंचशील समझौता भी इसका उदाहरण है. हम सदियों पुरानी सभ्यताएं हैं और जब हम एक दूसरे से रिश्तें आगे बढ़ाएं तो इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए.'
चीन नीति से जुड़ी पहले की बातों को समझना मुश्किल
#WATCH | On being asked if India always lost to China at the mind games, EAM Dr S Jaishankar says, "I don't think we always lost out, but at various points of time, when we talk about the parts of the past today would be very difficult to understand, Panchsheel agreement is… pic.twitter.com/eEzjwLKidK
— ANI (@ANI) January 2, 2024
पाकिस्तान की शर्तों पर नहीं होगी बात
पाकिस्तान मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "... पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवाद का इस्तेमाल भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है. ऐसा नहीं है कि हम अपने पड़ोसी के साथ बातचीत नहीं करेंगे, परन्तु हम उन शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं करेंगे जो उन्होंने (पाकिस्तान) रखी हैं, जिसमें बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद की प्रथा को वैध और प्रभावी माना जाता है."
खालिस्तान पर कनाडा को घेरा
भारत-कनाडा संबंधों और खालिस्तानी मुद्दे पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "...मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी ताकतों को बहुत जगह दी गई है. और उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की छूट दी गई है जिससे संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है. मुझे लगता है कि ये न भारत के हित में हैं और न कनाडा के हित में हैं."
भारत शब्द को लेकर क्या बोले विदेश मंत्री
'भारत' शब्द को लेकर चल रही बहस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ''अभी बहुत सक्रिय बहस चल रही है. कई मायनों में लोग उस बहस का इस्तेमाल अपने संकीर्ण उद्देश्यों के लिए करते हैं. 'भारत' शब्द का सिर्फ एक सांस्कृतिक सभ्यतागत अर्थ नहीं है. बल्कि यह आत्मविश्वास है, पहचान है और आप खुद को कैसे समझते हैं और दुनिया के सामने क्या शर्तें रख रहे हैं, यह भी है.
यह कोई संकीर्ण राजनीतिक बहस या ऐतिहासिक सांस्कृतिक बहस नहीं है. यह एक मानसिकता है. अगर हम वास्तव में अगले 25 वर्षों में 'अमृत काल' के लिए गंभीरता से तैयारी कर रहे हैं और 'विकसित भारत' की बात कर रहे हैं, तो यह तभी संभव हो सकता है जब आप 'आत्मनिर्भर भारत' बनें."