छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार का सराहनीय कदम, वन्य जीवों के लिए की जाएगी पेय जल की व्यवस्था
छ्त्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Photo Credits: IANS)

जंगलों में रहने वाले जानवरों को उनके मन मुताबिक भोजन तो मिल जाता है, लेकिन अक्सर पानी की कमी उनका जीना मुश्किल कर देती है. छत्तीसगढ़ के जंगलों व वन्‍य क्षेत्रों में रहने वाले वन्‍य जीवों के लिए पेय जल की व्‍यवस्था की जाएगी. इसके लिए बड़े-बड़े नालों को विकसित किया जाएगा. इस कार्य को कैम्पा निधि से मिलने वाली वित्तीय सहायता से पूरा किया जाएगा.

वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण और संवर्धन के लिए संचालित की जा रही नरवा विकास योजना के तहत वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा जल-स्त्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 137 नरवा का चयन कर 160.95 करोड़ रूपए की लागत से 31 वन मण्डल, एक राष्ट्रीय उद्यान, दो टाइगर रिजर्व, एक एलीफेंट रिजर्व, एक सामाजिक वानिकी क्षेत्र में कुल 12 लाख 56 हजार भू-जल संरचनाओं में से 10 लाख 77 हजार संरचनाएं निर्मित की जा चुकी है.

इन कार्यों में कैम्पा मद से प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व, 2 नेशनल पार्क और 1 एलीफेंट रिजर्व के 151 नालों में नरवा विकास के कार्य किए जाएंगे. इनमें से इंद्रावती टाइगर रिजर्व के 58 नालों, गुरू घासीदास नेशनल पार्क के 42 नालों, अचानकमार टाइगर रिजर्व के 28 नालों, कांगेर वेली नेशनल पार्क के 11 नालों, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के 10 नालों और तमोरपिंगला एलीफेंट रिजर्व के 2 नालों में बनाई जाएंगी जल संवर्धन संरचनाएं निर्मित की जाएंगी. कुल मिलाकर 37 वन मण्डल के 1089 नालों में 12 लाख 64 हजार भू-जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा. इससे 4 लाख 28 हजार 827 हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी. कैम्पा मद के बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से वनांचल में रहने वाले लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी.