Fact Check: हाल ही में एक CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति अख़बार उठाकर वापस आते समय फिसलकर गिर जाता है और फिर तुरंत उठकर चलने लगता है.वीडियो के साथ दावा किया गया कि यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि साउथ सुपरस्टार रजनीकांत हैं. क्लिप देखने के बाद उनके फैंस काफी चिंतित हो गए और कई ने उनकी फुर्ती की भी तारीफ की.यह वीडियो ऐसे वक्त पर वायरल हुआ जब रजनीकांत अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म 'कूली' के प्रमोशन में व्यस्त हैं. इस फिल्म का निर्देशन लोकेश कनगराज ने किया है और इसमें रजनीकांत के साथ नागार्जुन, उपेंद्र, सथ्याराज, आमिर खान और श्रुति हासन जैसे कलाकार भी नजर आएंगे.
फिल्म 14 अगस्त 2025 को रिलीज़ होनी है. लेकिन ये जो फिसले है, वह रजनीकांत नहीं, बल्कि एक पत्रकार है. ये भी पढ़े:Fact Check: क्या अपनी आनेवाली फिल्म के लिए खतरनाक Parkour स्टंट कर रहे है फिल्मस्टार विजय देवरकोंडा, जानें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस VIDEO की सच्चाई
रजनीकांत का वीडियो नहीं है
View this post on Instagram
वीडियो में दिख रहे हैं राजाराम तल्लूर
फैक्ट चेक में सामने आया कि वीडियो में जो व्यक्ति नजर आ रहा है, वह रजनीकांत नहीं बल्कि कर्नाटक के वरिष्ठ पत्रकार और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर राजाराम तल्लूर हैं.उन्होंने खुद इस वीडियो को अपने फेसबुक पेज पर एक हल्के-फुल्के अंदाज़ में साझा किया था और बताया था कि यह वीडियो उनके घर के कैमरे से रिकॉर्ड हुआ है.
पोस्ट कर दी जानकारी
तल्लूर ने किया भ्रामक दावे का खंडन
जैसे ही यह वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हुआ, राजाराम तल्लूर ने एक और पोस्ट डालकर स्पष्ट किया कि वह व्यक्ति वही हैं और इस वीडियो का रजनीकांत से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि कई मीडिया संस्थानों ने बिना तथ्य जांचे इसे अभिनेता से जोड़ दिया, जो सरासर ग़लत है.
फैन्स को भी हुई गलतफहमी
वीडियो में दिख रही सफेद बालों वाले बुजुर्ग की चाल-ढाल और हाव-भाव को देखकर कई रजनीकांत फैंस भ्रमित हो गए और इस पर प्रतिक्रिया देने लगे. कुछ ने उनकी फुर्ती की तारीफ की तो कुछ उनकी उम्र को लेकर चिंता जाहिर करने लगे. मगर अब यह स्पष्ट हो गया है कि वह रजनीकांत नहीं हैं.
यह वीडियो रजनीकांत का नहीं है
वायरल हो रही यह सीसीटीवी फुटेज अभिनेता रजनीकांत की नहीं, बल्कि पत्रकार राजाराम तल्लूर की है. उन्होंने खुद इसकी पुष्टि की है और सोशल मीडिया पर फैले झूठे दावे का खंडन किया है. यह घटना एक जरूरी सबक देती है कि किसी भी वायरल वीडियो को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करना बेहद आवश्यक है, खासकर जब उसमें कोई सार्वजनिक शख्सियत शामिल हो.













QuickLY