नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजधानी दिल्ली में बदतर वायु गुणवत्ता (Air Quality) में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं जताने पर नाराजगी जाहिर की है. प्रदूषण (Pollution) के कारण होने वाली स्वास्थ्य बिमारियों के खतरे के चलते कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. साथ ही शीर्ष कोर्ट ने न्यायिक आदेशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम नहीं लगाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकार को भी आड़े हाथों लिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के कारण दिल्लीवासियों को मरने के लिये नहीं छोड़ा जा सकता है.
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि लोगों को गैस चैंबरों में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? इससे अच्छा सभी को एक बार में 15 बैग विस्फोटक से मारना बेहतर है. लोगों को यह सब क्यों भुगतना चाहिए? आरोप लगाने के खेल से सचमुच हम हैरान हूँ.
जस्टिस अरुण मिश्रा में कहा 'दुनिया हम पर हंस रही है कि हम पराली जलाने पर भी रोक नहीं लगा सकते हैं. आरोप-प्रत्यारोप से दिल्ली के लोगों का भला नहीं होगा. आप लोग प्रदूषण को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.'
Pollution matter in Supreme Court: Justice Arun Mishra says- People are laughing at our country that we can't even control stubble burning. Blame game is not serving the people of Delhi. You people will play the blame game, not taking it (pollution) seriously. https://t.co/ys4Eq1BtJf
— ANI (@ANI) November 25, 2019
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के बाजवूद पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों में यह सिलसिला जारी रहने पर कड़ा रूख अपनाया ओर कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का ‘दम घुट’ रहा है और लाखों लोगों की उम्र घट रही है.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हवा तेज होने के चलते पिछले कुछ दिनों से वायु की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है. हालांकि सोमवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. ‘सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च’ (सफर) के अनुसार दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर 218 दर्ज की गई.