Rohini School Blast: दिल्ली के रोहिणी स्थित प्रशांत विहार इलाके में CRPF स्कूल के पास हुए धमाके के बाद दिल्ली पुलिस इस घटना में खालिस्तानी लिंक की जांच कर रही है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया गया है कि यह विस्फोट उन खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को निशाना बनाने के लिए भारतीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई का बदला था. रविवार, 20 अक्टूबर को हुए इस धमाके से एक दीवार को भारी नुकसान पहुंचा, लेकिन इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है.
इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी कर रही है. हाल के दिनों में कई एयरलाइनों को बम की धमकियां मिलने के बाद इस विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है.
रोहिणी धमाके की अपडेट:
- दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम को एक पत्र लिखकर 'जस्टिस लीग इंडिया' नामक चैनल की जानकारी मांगी है.
- धमाके के बाद इसी चैनल पर सीसीटीवी फुटेज साझा की गई थी, जिसमें धमाके की जिम्मेदारी ली गई थी.
- अभी तक टेलीग्राम से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
- इस धमाके की जांच अभी जारी है और किसी संगठन का नाम अभी तक सामने नहीं आया है.
- हालांकि, चैनल पर धमाके की जिम्मेदारी ली गई है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता की जांच की जा रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह एक कम तीव्रता वाला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) था, जिसे टाइमर या रिमोट से नियंत्रित किया गया था. इस IED में शराप्नल या बॉल बेयरिंग नहीं थे, जिससे साफ है कि इसका उद्देश्य लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि अधिकारियों को संदेश देना था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि धमाके की जगह जानबूझकर ऐसी चुनी गई थी जिससे किसी को चोट न पहुंचे. घटना के बाद NIA, NSG, CRPF और दिल्ली पुलिस की टीमों ने इलाके को घेर लिया और फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने सैंपल इकट्ठा किए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका सुबह 7:35 से 7:40 के बीच हुआ और इसकी आवाज़ दूर तक सुनी गई.
शाम को सोशल मीडिया पर 'जस्टिस लीग इंडिया' के टेलीग्राम चैनल से एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ, जिसमें धमाके की क्लिप के साथ 'खालिस्तान जिंदाबाद' का वाटरमार्क लगा था. उस पोस्ट में लिखा था, "अगर भारतीय एजेंसियां और उनके मास्टर यह सोचते हैं कि वे हमारे सदस्यों को निशाना बनाकर हमारी आवाज़ को दबा सकते हैं, तो वे मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं. वे सोच भी नहीं सकते कि हम उनके कितने करीब हैं और कभी भी हमला कर सकते हैं.''