नयी दिल्ली, 25 नवंबर: दिल्ली (Delhi) पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है. पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत शहर को जोड़ने वाले पांच राजमार्गों के जरिए किसानों के 26 नवंबर को दिल्ली आने का कार्यकम है. दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह के किसी भी जमावड़े के लिए अनुरोधों को खारिज कर दिया गया है .
पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) ने ट्वीट किया, ‘‘26 और 27 नवंबर को दिल्ली आने वाले किसान संगठनों के लिए सूचना...दिल्ली में 26 और 27 नवंबर को प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले अनुरोधों को खारिज कर दिया गया है और इस बारे में आयोजकों को पहले ही अवगत करा दिया गया है. ’’ उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘कृपया दिल्ली पुलिस के साथ सहयोग करें और कोरोना वायरस महामारी के बीच दिल्ली में जमावड़ा ना करें . ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़े: न्यायालय ने दंगों से संबंधित मामले में आरोपी को जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील खारिज की.
कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर दबाव बनाने के लिए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) (AIKSCC), राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न धड़ों ने हाथ मिलाया है और एक संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया है .
प्रदर्शन को 500 से ज्यादा किसान संगठनों का समर्थन मिला है . मोर्चा के संचालन में समन्वय बनाने के लिए सात सदस्यीय कमेटी भी बनायी गयी है . किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कारोबारियों की दया पर निर्भर हो जाएंगे.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)