नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली गैस चेंबर बन चुकी है. राजधानी में हवा इतनी खराब है कि इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. इस बीच दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने रविवार को बड़ी घोषणा की. आतिशी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण को देखते हुए 10 नवंबर तक के लिए प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का सरकार ने फैसला लिया है. इस दौरान कक्षा 6 से 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं में शिफ्ट होने का विकल्प दिया गया है. Delhi Pollution: जहरीली हवा से आंखों और सीने में जलन, प्रदूषण से हो रही ये खतरनाक बीमारियां; ऐसे करें बचाव.
दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा दिल्ली में वायु प्रदूषण का उच्च स्तर स्वास्थ्य के लिहाज से अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है. खासकर यह बच्चों के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर 2023 तक बंद करने का निर्णय लिया है.
कक्षा 6-12 के लिए ये विकल्प
As pollution levels continue to remain high, primary schools in Delhi will stay closed till 10th November.
For Grade 6-12, schools are being given the option of shifting to online classes.
— Atishi (@AtishiAAP) November 5, 2023
गंभीर श्रेणी में प्रदूषण
दिल्ली के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दिल्ली में एक्यूआई (Delhi Air Quality Index) गंभीर की कैटेगरी में है. दिल्ली में हवा की प्रतिकूल स्थितियों खासतौर पर रात के दौरान हवाओं के शांत रहने के बीच रविवार को भी लगातार छठे दिन जहरीली धुंध छाई रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) 'अति गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया.
शहर में शनिवार शाम चार बजे एक्यूआई 415 दर्ज किया गया जो रविवार सुबह सात बजे और खराब होकर 460 पर पहुंच गया. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक्यूआई के 450 के पार पहुंच जाने पर केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना को लागू किया जाना अनिवार्य है जिसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, चार पहिया वाले वाणिज्यिक वाहनों और सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के साथ आपातकालीन कदम उठाए जाते हैं.
15 नवंबर तक राहत के आसार नहीं
बीते सप्ताह से दिल्ली-एनसीआर में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट होने, प्रदूषण में सहायक शांत हवा की उपस्थिति और पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता बहुत खराब हुई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 27 अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 से अधिक अंकों तक बढ़ गया है, जो शुक्रवार को ‘अति गंभीर’ श्रेणी (450 से ऊपर) में पहुंच गया. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के एक विश्लेषण के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी से राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण उच्च स्तर पर होता है.