India-China Border Issue: राज्यसभा में बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह- चीन नहीं मानता LAC सीमांकन, हम भी हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार
राजनाथ सिंह (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव के बीच केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को संसद में कहा कि चीन की कथनी और करनी में बहुत अंतर है, वह एलएसी सीमांकन को नहीं मानता है. मानसून सत्र के चोथे दिन राज्यसभा में लद्दाख में भारतीय सीमा की स्थिति पर बयान देते हुए सिंह ने कहा कि चीन ने एसएससी की यथास्थिति बदलने की कोशिश की है. जिसका भारत ने बखूबी जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही सभी आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयार भी हैं. सरकार ने चीन के सामने उठाया चीनी कंपनी द्वारा भारतीय नेताओं की जासूसी का मुद्दा: विदेश मंत्री एस जयशंकर

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा “भारत तथा चीन दोनों ने औपचारिक तौर पर यह माना है कि सीमा का प्रश्न  एक जटिल मुद्दा है जिसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है तथा इस मुद्दे का उचित, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान, शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा निकाला जाए.” LAC पर तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने कहा- बीते 6 महीनों में चीन से सटी सीमा पर नहीं हुई कोई घुसपैठ

उन्होंने आगे कहा “हमने चीन को कूटनीतिक तथा सैन्य माध्यम से यह अवगत करा दिया, कि इस प्रकार की गतिविधियां, स्थिति को यानी यथास्थिति (Status Quo) को एक तरफा बदलने का प्रयास है. यह भी साफ कर दिया गया कि ये प्रयास हमें किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है.” India-China Border Issue: चीन की नई चाल; पीएम मोदी, राहुल गांधी, सचिन तेंदुलकर, राधे मां समेत हजारों भारतीयों की करा रहा जासूसी

उन्होंने संसद से अनुरोध किया कि हमारे वीर जवानों की वीरता एवं बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करनी चाहिए. उन्होंने कहा "यह सच है कि हम लद्दाख में एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन साथ ही मुझे भरोसा है कि हमारा देश और हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे. मैं इस सदन से अनुरोध करता हूँ कि हम एक ध्वनि से अपनी सेनाओं की बहादुरी और उनके अदम्य साहस के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें."

उन्होंने कहा “हमारे बहादुर जवान अत्यंत मुश्किल परिस्थतियों में अपने अथक प्रयास से समस्त देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं. पिछले कई दशकों में चीन ने बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर गतिविधि शुरू की है. जिनसे सीमा क्षेत्रों में उनकी तैनाती क्षमता बढ़ी है. इसके जबाव में हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट बढ़ाया है, जो पहले से लगभग दुगुना हुआ है.”