नई दिल्ली: देशभर में कोरोना (Coronavirus) संकट के बीच मानसून (Monsoon 2020) ने दस्तक दे दी है. रविवार दोपहर को दक्षिण पश्चिम मॉनसून का दक्षिण अंडमान सागर में प्रवेश हो गया. वहीं चक्रवात ‘अम्फान’ (Amphan) बुधवार को भारत के पूर्वी तट पर टकरा सकता है. यह चक्रवात लगातार मजबूत होता जा रहा है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार प्रायद्वीप और अंडमान सागर के कुछ इलाकों में आ चुका है. मॉनसून की ऊत्तरी सीमा (एनएलएम) अक्षांश 5 डिग्री उत्तर/ देशांतर 85 डिग्री पूर्व, अक्षांश 8 डिग्री उत्तर/देशांतर 90 डिग्री पूर्व, कार निकोबार, अक्षांश 11 डिग्री उत्तर/देशांतर 95 डिग्री पूर्व पार कर चुकी है. चक्रवात ‘अम्फान’: ओडिशा के 12 तटीय जिलों को सतर्क किया गया
दक्षिण पश्चिम मानसून के अगले 48 घंटे के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर, एवं अंडमान प्रायद्वीप के बाकी हिस्सों और पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ इलाकों में और आगे बढ़ने के अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं.
गंभीर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान‘ पर नजर ( 12.30 बजे)
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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 17, 2020
पिछले 24 घंटे के दौरान निकोबार प्रायद्वीप की अधिकांश जगहों पर बारिश हुई. दक्षिण पश्चिम हवा निचले स्तरों पर तेज (25 नाइट्स तक) हो चुकी है और दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार प्रायद्वीप एवं दक्षिण बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों में दक्षिणी अक्षांश तक यह हवा गहराई (6 किलोमीटर तक) ले चुकी है. भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हुआ ‘अम्फान’ :मौसम विभाग
दक्षिण बंगाल की खाड़ी और निकोबार प्रायद्वीप से सटे दक्षिण अंडमान सागर में 15 मई के बाद से बादल छाया हुआ है. इस क्षेत्र में उपग्रह (इनसैट-3डी) से मिली जानकारी के अनुसार निर्गामी दीर्घ लहर प्रसारण 200 डब्ल्यू/ वर्ग मीटर से कम है. अगले 5 दिन के दौरान अंडमान एवं निकोबार प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. कुछ जगहों पर भारी बारिश की भी संभावना है.
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने इस साल देश में मानसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है. हालांकि कुछ दिन पहले ही आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के चार दिन देरी से केरल में आने की बात कही थी. हालांकि मौसम पूर्वानुमान से जुड़ी निजी मौसम एजेंसियों का कहना है कि इस साल मानसून तय समय से पहले केरल पहुंचेगा. केरल में मानसून पहुंचने के साथ ही देश में जून से सितंबर तक के चार महीने लंबे बरसात के मौसम की शुरुआत हो जाती है. सामान्य तौर पर केरल में 1 जून को मानसून पहुंचता है.