Coronavirus: विदेश मंत्रालय ने दिया ICMR की रिपोर्ट का हवाला- लॉकडाउन न होता तो 15 अप्रैल तक होते 8.2 लाख केस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- ऐसी कोई स्टडी नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit-PTI)

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते 21 दिन लॉकडाउन है. लॉकडाउन में देश की जनता अपने घरों में कैद है और जरुरी सामान लेने के लिए ही लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं. कोरोना महामारी को रोकने के लिए देश सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है. इस बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को ICMR की उस कथित रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि अगर देश में 21 दिन का लॉकडाउन न लगता, तो 15 अप्रैल तक कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या 8.2 लाख होती. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि आईसीएमआर ने ऐसी कोई स्टडी ही नहीं की है. शुक्रवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी, लव अग्रवाल (Luv Agarwal) ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया था.

दरअसल विदेश मंत्रालय की ओर से सचिव विकास स्वरूप ने बुधवार को मीडिया के साथ ब्रीफिंग के दौरान कहा, "सबसे जरूरी है महामारी विज्ञानी के तौर पर कहा जाए तो लॉकडाउन ने वायरस के विकास की दर को कम कर दिया है. वैज्ञानिक अनुमानों के मुताबिक, अगर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम न लगाए गए होते, तो यह वायरस हर दिन 2.5 लोगों को संक्रमित करता. लेकिन लॉकडाउन की बदौलत हम लोगों का बाहर निकलना और उनकी सामाजिक पहुंच 75 फीसदी तक कम करने में सफल हो पाए. यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस का कहर: पिछले 24 घंटों में 1035 नए मामले- 40 की मौत, संक्रमित मरीजों की संख्या 7447 हुई.

विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर देश में लॉकडाउन नहीं किया गया होता तो 15 अप्रैल तक देश में कुल मामलों की संख्या 8 लाख 20 हजार हो गई होती, जबकि अभी हम 6000 तक हैं.

हालांकि, जब इस आईसीएमआर रिपोर्ट के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछा गया, तो प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल (Luv Agarwal) ने कहा, "ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है. कृपया समझें, अगर हम साथ और मेहनत से काम करेंगे, तो सभी केसों को सुलझा सकते हैं. अगर हम गलती करेंगे, तो हम वापस उसी जगह पहुंच जाएंगे, जहां हमें सफल नहीं कहा जाएगा."

जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए 15 हजार करोड़ के अतिरक्त पैकेज का ऐलान किया है. केंद्र सरकार को कोरोना के खिलाफ इस जंग में राज्य सरकारों से भी पूरा समर्थन मिल रहा है. केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ के पैकेज से राज्यों को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मदद की जाएगी.