नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जारी जंग में प्लाज्मा थेरेपी को कारगर माना जा रहा है. इसी बीच डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि, 'एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर से 400 ML तक प्लाज्मा निकाला जा सकता है. इससे हिमोग्लोबिन पर कोई असर नहीं पड़ता. वहीं प्लाज्मा दान कर रहे डोनर को किसी तरह की थकान या कमजोरी नहीं आती है. इसके अलावा उन्होंने कहा, 'डोनेट करने से पहले व्यक्ति का पूरा चेकअप किया जाता है. दो ढाई घंटे टेस्ट में और 45 मिनट प्लाज्मा निकालने में लगता है. डोनेट करने के तीन घंटे बाद प्लाज्मा किसी मरीज को देने के लिए तैयार होता है.
बता दें कि प्लाज्मा थेरेपी से राजधानी दिल्ली में चार अप्रैल से उपचाराधीन एक 49 वर्षीय मरीज के ठीक होने की खबर सामने आई थी. इस पद्धति से उपचार पाकर ठीक होने वाला यह व्यक्ति देश का पहला मरीज था. साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मरीज वेंटिलेटर पर था, लेकिन प्लाज्मा थेरेपी से उसकी हालत में सुधार हुआ और अब उसे छुट्टी दी जा चुकी है.
एक स्वस्थ व्यक्ति से 400 ml तक प्लाज़्मा निकाला जाता है। इससे हिमोग्लोबिन पर कोई असर नहीं पड़ता। इससे डोनर को किसी तरह की थकान या कमजोरी नहीं आती है: डॉ. आशुतोष कुमार दुबे अधीक्षक सिविल अस्पताल लखनऊ pic.twitter.com/w4LB5VNfcP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2020
इस सफलता के पश्चात् दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में पांच और मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल चल रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि तीन मरीजों की स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है. दिल्ली सरकार की घोषणा के बाद लोकनायक अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों पर यह ट्रायल शुरू हुआ है.