नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के प्रकोप के बीच 24 घंटे में 6 लाख 42 हजार 580 से ज्यादा टेस्ट किए गए है. आने वाले समय में राज्यों के सहयोग से प्रतिदिन 10 लाख टेस्ट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महामारी से निपटने के लिए व्यापक परीक्षण, ट्रैकिंग और उपचार की रणनीति को लागू किया हुआ है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड-19 जांच क्षमता बढ़ाने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक विधियों को लेकर परामर्श जारी किया था. दो हफ्ते पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन और आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने एक संयुक्त पत्र में कहा कि उभरते परिदृश्य में जांच क्षमता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. पत्र में कहा गया कि जांच क्षमता में वृद्धि अधिक कोविड-19 जांच प्रयोगशालाओं और मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की मौजूदा जांच क्षमता को मजबूत कर प्राप्त की जा सकती है.
COVID-19 Testing Update . For more details visit: https://t.co/dI1pqvXAsZ #ICMRFIGHTSCOVID19 #IndiaFightsCOVID19 #CoronaUpdatesInIndia #COVID19 pic.twitter.com/PCs9H4Cu9R
— ICMR (@ICMRDELHI) July 31, 2020
इसमें कहा गया, ‘‘इस संबंध में, देश में कोविड-19 जांच को मजबूत करने के लिए एक रणनीति पर विचार किया जाता रहा है जिसे राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों तथा केंद्र सरकार के तहत आईसीएआर, डीबीटी, डीएसटी और डीएसआईआर जैसी वैज्ञानिक इकाइयों से समन्वित प्रयास की आवश्यकता है.’’
अधिकारिक आंकड़ों पर नजर डाले तो देश में कोविड-19 के मामलों में मृत्यु दर क्रमश: घट रही है और इसका श्रेय अस्पतालों में भर्ती मरीजों के बेहतर क्लीनिकल प्रबंधन को माना जा रहा है. केंद्र सरकार का दावा है कि भारत दुनिया में इस घातक वायरस के मरीजों की सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में एक है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों के कारगर क्लीनिकल प्रबंधन पर केंद्र सरकार और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सजग कोशिशों के कारण भारत का मृत्यु दर (सीएफआर) 2.21 प्रतिशत पर पहुंच गया है. एक महीने पहले यह दर 2.82 प्रतिशत थी, जो 10 जुलाई को घट कर 2.72 हो गई तथा इसके बाद यह घट कर वर्तमान में 2.49 प्रतिशत हो गई है.