21 दिन के बाद सरकार की लॉकडाउन बढ़ाने की नहीं है योजना, कैबिनेट सेक्रेटरी ने खबरों को बताया गलत
कोरोना वायरस के चलते बंद का ऐलान (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण के मामलों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है. इस महामारी की जद में आने से विभिन्न राज्यों में 24 घंटे में छह मरीजों की जान चली गई, वहीं कुल मिलाकर देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1100 से अधिक हो गई है. इस बीच केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि देश में लगे 21 दिन के लॉकडाउन (Lockdown) को आगे और बढ़ाने की कोई योजना नहीं है.

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (Rajiv Gauba) ने लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए सोमवार को कहा “मुझे ऐसी रिपोर्टों को देखकर हैरानी हो रही है. सरकार लॉकडाउन का विस्तार करने की ऐसी कोई योजना नहीं बना रही है.” देश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च की मध्यरात्रि से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना पीड़ितों के इलाज में डॉक्टर्स की मदद करेंगे ये ह्यूमनॉयड रोबोट, तमिलनाडु की सॉफ्टवेयर कंपनी ने किए दान

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार (24 मार्च) आधी रात से 21 दिन के लिए देशभर में पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी. उन्‍होंने तब जोर देकर कहा था कि कोरोनो वायरस की श्रृंखला को तोड़ना बहुत आवश्यक है. इसलिए लॉकडाउन की अवधि में लोग घरों से बाहर कदम ना रखे. हालांकि जरुरी सेवाओं को इस बंद से बाहर रखा है. कोरोना वायरस: रेलवे यात्री डिब्बों को वायरस संक्रमितों के लिए पृथक वार्ड के लिए देने पर कर रहा विचार

एक रिसर्च में दावा किया गया है कि भारत में 49 दिनों के लिए पूरी तरह से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन या दो महीनों में समय-समय पर छूट के साथ निरंतर लॉकडाउन से कोविड-19 को उभरने से रोका जा सकता है. ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में 'एज स्ट्रक्चर्डइम्पैक्ट ऑफ सोसल डिस्टेंसिंग ऑन द कोविड-19 एपिडेमिक इन इंडिया' शीर्षक के नाम से यह रिसर्च की गई है. ऐसी कई रिपोर्ट्स है, जिससे लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर अटकलों का बाजार गरमाया हुआ है.

लॉकडाउन से देश में आवागमन व परिवहन सेवाएं ठप है. मजदूरों की कमी के कारण अनाज मंडियों में भी कामकाज ठप है. जिस वजह से सप्लाई चेन बाधित हो रही है. अगर सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाया तो आने वाले दिनों में आटा, चावल और दाल समेत तमाम खाद्य पदार्थों की किल्लत हो सकती है.