लखनऊ 15 दिसंबर : देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhai Patel) की पुण्यतिथि (death anniversary) पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नमन किया. मंगलवार को हजरतगंज पहुंच कर मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी . उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल अखंड भारत के शिल्पी थे. उन्होंने देश को एकता और अखंडता का अभेद्य कवच दिया .
सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि जब भारत के अंदर देश की स्वाधीनता के लिए एक नया शंखनाद हुआ तो कुटिल अंग्रेज इस बात को समझ गए की अब भारत को बहुत अधिक दिन तक वे अपने शासन के अधीन नहीं रख सकते हैं, तो उन्होंने भारत को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटने की साजिश रची . अंग्रेजों की इस साजिश को विफल करने में जिस महापुरुष ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई वह सरदार बल्लभ भाई पटेल थे . वे वर्तमान भारत के इस स्वरुप के शिल्पी हैं . जिनकी 70 वीं पुण्यतिथि पर स्मरण करने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं . योगी ने कहा कि देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले अपने इस महान नेता और भारत माता के अमर सपूत के प्रति राष्ट्र हमेशा कृतज्ञ रहेगा . योगी ने कहा कि आज के इस अवसर पर मैं प्रदेश वासियों की ओर से सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा किये गए योगदान के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें कोटि कोटि नमन करता हूँ . यह भी पढ़ें : Sardar Vallabhbhai Patel 70th Death Anniversary: सरदार वल्लभ भाई पटेल की 70वीं पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी ने ‘लौह पुरुष’ को दी श्रद्धांजलि
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल ही देश की एकता के सूत्रधार थे . हम सब जानते हैं की यह देश भले ही राजनीतिक रूप से किसी काल खंड में अलग-अलग समूहों में रहा होगा लेकिन सांस्कृतिक रूप से अतीत के उस काल खंड से जब से मानव ने इस धरती पर जन्म लिया, उत्तर में हिमालय से ले करके दक्षिण में समुद्र पर्यंत तक पूरा भारत एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में जाना जाता था. हमारे शास्त्रों ने और भारतीय मनीषा ने सदैव इस इकाई को भारत भूमि के रूप में या हिंदुस्तान के रूप में मान्यता दे करके इस एक भू सांस्कृतिक अवधारणा को राष्ट्र के रूप में माना था . लेकिन उत्थान और पतन जैसे व्यक्तिगत जीवन में आता है ऐसे ही राष्ट्र के जीवन में भी ये चीज़ें देखने को मिलती हैं. यह देश भी विदेशी आक्रांताओं की चपेट में आया . इस देश में विदेशी हुकूमत ने एक कालखंड तक शासन किया .
विदेशी हुकूमत यह जानती थी की वे भारत पर तब तक स्थाई रूप से शासन नहीं कर सकते जब तक की यहां के नागरिक एक भाव के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने यहां की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास भी किया . लेकिन सरदार पटेल ने एकता और अखंडता को मजबूत करते हुए भारत को एक ऐसे स्वरूप में ला खड़ा किया जहां हर साजिश नाकाम हो कर रह गई . मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल किसी भी प्रकार के बंटवारे के पक्षधर नहीं थे . सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांध कर देश की एकता व अखंडता को अभेद्य कवच बनायालखनऊ 15 दिसंबर : देश के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें नमन किया. मंगलवार को हजरतगंज पहुंच कर मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी . उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल अखंड भारत के शिल्पी थे. उन्होंने देश को एकता और अखंडता का अभेद्य कवच दिया . यह भी पढ़ें : Sardar Vallabhbhai Patel 70th Death Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर किया नमन
सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब भारत के अंदर देश की स्वाधीनता के लिए एक नया शंखनाद हुआ तो कुटिल अंग्रेज इस बात को समझ गए की अब भारत को बहुत अधिक दिन तक वे अपने शासन के अधीन नहीं रख सकते हैं, तो उन्होंने भारत को टुकड़ों-टुकड़ों में बांटने की साजिश रची . अंग्रेजों की इस साजिश को विफल करने में जिस महापुरुष ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई वह सरदार बल्लभ भाई पटेल थे . वे वर्तमान भारत के इस स्वरुप के शिल्पी हैं . जिनकी 70 वीं पुण्यतिथि पर स्मरण करने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं . योगी ने कहा कि देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले अपने इस महान नेता और भारत माता के अमर सपूत के प्रति राष्ट्र हमेशा कृतज्ञ रहेगा . योगी ने कहा कि आज के इस अवसर पर मैं प्रदेश वासियों की ओर से सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा किये गए योगदान के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें कोटि कोटि नमन करता हूँ .
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार पटेल ही देश की एकता के सूत्रधार थे . हम सब जानते हैं की यह देश भले ही राजनीतिक रूप से किसी काल खंड में अलग-अलग समूहों में रहा होगा लेकिन सांस्कृतिक रूप से अतीत के उस काल खंड से जब से मानव ने इस धरती पर जन्म लिया, उत्तर में हिमालय से ले करके दक्षिण में समुद्र पर्यंत तक पूरा भारत एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में जाना जाता था. हमारे शास्त्रों ने और भारतीय मनीषा ने सदैव इस इकाई को भारत भूमि के रूप में या हिंदुस्तान के रूप में मान्यता दे करके इस एक भू सांस्कृतिक अवधारणा को राष्ट्र के रूप में माना था . लेकिन उत्थान और पतन जैसे व्यक्तिगत जीवन में आता है ऐसे ही राष्ट्र के जीवन में भी ये चीज़ें देखने को मिलती हैं. यह देश भी विदेशी आक्रांताओं की चपेट में आया . इस देश में विदेशी हुकूमत ने एक कालखंड तक शासन किया . यह भी पढ़ें :15 दिसंबर का इतिहास: सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दुनिया को कहा अलविदा, जानें इस तारीख से जुड़ी अन्य ऐतिहासिक घटनाएं
विदेशी हुकूमत यह जानती थी की वे भारत पर तब तक स्थाई रूप से शासन नहीं कर सकते जब तक की यहां के नागरिक एक भाव के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने यहां की एकता और अखंडता को खंडित करने का प्रयास भी किया . लेकिन सरदार पटेल ने एकता और अखंडता को मजबूत करते हुए भारत को एक ऐसे स्वरूप में ला खड़ा किया जहां हर साजिश नाकाम हो कर रह गई . मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल किसी भी प्रकार के बंटवारे के पक्षधर नहीं थे . सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांध कर देश की एकता व अखंडता को अभेद्य कवच बनाया