सरदार वल्लभभाई पटेल : 500 से अधिक रियासतों को स्वतंत्र भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सरदार पटेल (Sardar Patel) की आज पुण्यतिथि है. देश की स्वतंत्रता में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लौह पुरुष भारत के पहले उप प्रधानमंत्री थे. आज देश उन्हें नमन कर रहा है.
लौह पुरुष को श्रद्धांजलि :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट (Tweet) किया, "सशक्त, सुदृढ़ और समृद्ध भारत की नींव रखने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन. उनके दिखाए मार्ग हमें देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए सदा प्रेरित करते रहेंगे."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, "सरदार पटेल जी का जीवन और व्यक्तित्व इतना विराट है, जिसे शब्दों में पिरो पाना संभव नहीं है. सरदार साहब भारत की एकता और शक्ति के प्रतीक हैं, उन्होंने जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान कर एक अखंड भारत को आकार दिया. उनका दृढ़ नेतृत्व और राष्ट्र समर्पण सदैव हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा." केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने लिखा, "भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन." यह भी पढ़ें : Sardar Vallabhbhai Patel 70th Death Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर किया नमन
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने लिखा, "लौहपुरुष भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि. उनकी स्मृति में बनाई गयी Statue of Unity के दर्शन हेतु केवड़िया रेल लिंक निर्मित किया जा रहा है, जिसके डभोई-चांदोद रेलखंड पर कल 130 किमी/घंटे की गति से ट्रेन दौड़ाकर सफल ट्रॉयल किया गया."
सरदार पटेल से जुड़ी खास बातें :
देश को एक सूत्र में बांधने का काम सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था. उन्होंने 500 से अधिक रियासतों को स्वतंत्र भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी करने में प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने कई बाधाओं के बावजूद सभी रियासतों को नए स्वतंत्र भारत में एकीकृत किया. 2014, भारत के गृह मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय एकता दिवस “हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए वास्तविक और संभावित खतरों का सामना करने के लिए हमारे देश की अंतर्निहित ताकत और लचीलापन को फिर से पुष्टि करने का अवसर प्रदान करेगा." इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में रन फॉर यूनिटी ’का आयोजन किया जाता है. यह भी पढ़ें : Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2020 Greetings: सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती पर इन हिंदी GIF Wishes, HD Images, WhatsApp Stickers, Messages, Wallpapers के जरिए दें सभी को शुभकामनाएं
'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' :
सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में गुजरात में केवड़िया गांव में नर्मदा नदी के बीच एक प्रतिमा बनाई गई है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहते हैं, जो 182 मीटर यानी करीब 597 फीट ऊंची है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व को सबसे ऊंची प्रतिमा होने का गौरव प्राप्त है. 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के ऊंचाई न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से करीब दोगुना है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल भार करीब 1700 टन है जबकि इस प्रतिमा का एक पैर 80 फीट, हाथ 70 फीट, कंधा 140 फीट और चेहरा 70 फीट का है. 2018 में तैयार इस प्रतिमा को प्रधानमंत्री मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया. यह प्रतिमा 5 वर्षों में लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है.
सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में तथ्य :
> सरदार वल्लभभाई पटेल का पूरा नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल है.
> उनका जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नाडियाड, गुजरात, भारत में हुआ था और 15 दिसंबर, 1950 को बॉम्बे में उनका निधन हुआ था.
> भारतीय स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने उप प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, सूचना मंत्री और राज्यों के मंत्री के रूप में पहले तीन वर्षों तक सेवा की.
> सरदार पटेल की 16 साल की उम्र में शादी हो गई, 22 साल की उम्र में मैट्रिक किया और जिला याचिकाकर्ता की परीक्षा उत्तीर्ण की जिसके कारण वह कानून का अभ्यास करने में सक्षम थे.
> गोधरा में, उन्होंने 1900 में जिला याचिकाकर्ता का एक स्वतंत्र कार्यालय स्थापित किया.
> अगस्त 1910 में आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए.
> 1913 में, वह भारत लौट आए और अहमदाबाद में बस गए और अहमादाबाद बार में आपराधिक कानून में एक बैरिस्टर बन गए.
> उन्होंने 1917 से 1924 तक अहमदाबाद के पहले भारतीय नगर आयुक्त के रूप में कार्य किया और 1924 से 1928 तक नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में चुने गए.
> 1918 में बंबई (मुंबई) सरकार के फैसले के खिलाफ जिसमें भारी बारिश के कारण फसल खराब होने के बावजूद, सरकार पूर्ण वार्षिक कर एकत्र करना चाहती थी. उन्होंने किसानों और गुजरात के जमींदारों के एक बड़े अभियान द्वारा एक सभा की.
> 1928 में उन्होंने बारडोली अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया और सरदार की उपाधि प्राप्त की.
> सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन के महात्मा गांधी के बाद दूसरे अध्यक्ष थे.