ठाणे: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने अंबरनाथ स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में हंगामा किया. विवाद तब शुरू हुआ जब मराठी न बोलने वाले बैंक मैनेजर ने कार्यकर्ताओं से मराठी को लेकर बहस की. इस दौरान मनसे कार्यकर्ता आक्रामक हो गए और बैंक में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
मनसे कार्यकर्ताओं का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की नई गाइडलाइंस के अनुसार, महाराष्ट्र में बैंकिंग कार्य मराठी भाषा में किए जाने चाहिए. लेकिन जब वे बैंक में मराठी में बातचीत करने पहुंचे, तो बैंक मैनेजर ने न केवल मराठी में जवाब देने से इनकार कर दिया, बल्कि अपमानजनक प्रतिक्रिया भी दी.
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मनसे की चेतावनी
मनसे के शहर अध्यक्ष कुणाल भोईर, शहर संघटक स्वप्निल बागुल और विद्यार्थी सेना के जिला अध्यक्ष धनंजय गुरव कार्यकर्ताओं के साथ बैंक पहुंचे थे. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बैंक के कर्मचारी मराठी में काम नहीं करते तो "मनसे स्टाइल आंदोलन" किया जाएगा.
मराठी भाषा को लेकर फिर विवाद
अंबरनाथ येथील " बँक ऑफ महाराष्ट्र "
मधील परप्रांतीय मॅनेजर ने मराठी बोलण्यास नकार दिला व उलट मुजोरीची भाषा केली महाराष्ट्र सैनिकांनी त्याला सडेतोड उत्तर दिले.#Marathi #MNSAdhikrut pic.twitter.com/nVZQWZqtaG
— MNS Adhikrut - मनसे अधिकृत (@mnsadhikrut) April 2, 2025
मराठी भाषा को लेकर सख्त हुई मनसे
मनसे लंबे समय से महाराष्ट्र में मराठी भाषा को अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग कर रही है. बैंकों, निजी कंपनियों और सरकारी दफ्तरों में मराठी का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं, इसकी निगरानी की जा रही है. मनसे का कहना है कि अगर महाराष्ट्र में रहकर लोग मराठी नहीं सीखते हैं तो वे यहां काम भी नहीं कर सकते.












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