
शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के कई शहरों से बच्चों के साथ अमानवीय मारपीट की घटनाएं सामने आती है. ऐसी ही एक घटना एक बार फिर शाहजहांपुर के सरकारी चिल्ड्रेन्स होम से सामने आई है. यहां पर एक महिला केयर टेकर बच्चों के साथ अमानवीय मारपीट करती हुई नजर आ रही है. महिला एक बच्चे के कान पकड़कर उसे थप्पड़ लगा रही है तो वही दुसरे वीडियो डंडे से बच्चों के साथ मारपीट कर रही है. इस वीडियो के सामने आने के बाद लोगों ने सख्त नाराजगी जताई है और इस केयर टेकर पर कार्रवाई की मांग की है.
इसके साथ ही अब इस मामले की जांच भी शुरू हो चुकी है. इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @WeUttarPradesh नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:Hardoi Video: हैवान पिता की शर्मनाक करतूत! मासूम बच्ची को जमकर पीटा, पत्नी को मारपीट का वीडियो भी बनाकर भेजा, हरदोई जिले का वीडियो आया सामने
केयर टेकर ने की बच्चों की पिटाई
#शाहजहांपुर से संवेदनशील मामला सामने आया।#शाहजहांपुर के राजकीय बाल गृह में रह रहे 13 अनाथ बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार की तस्वीरें सामने आई हैं। वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि बच्चों के साथ क्रूरता से पेश आया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह व्यवहार महिला केयरटेकर पूनम… pic.twitter.com/U3hHnGS6om
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) June 9, 2025
वीडियो में दिखा बच्चों पर अत्याचार
तीन अलग-अलग वीडियो सामने आए हैं. इन क्लिप्स में केयर टेकर बच्चों को डंडे से पीटती, थप्पड़ मारती और उनके कान पकड़कर खींचती दिखाई दे रही है. यह वीडियो शाहजहांपुर के चौक कोतवाली क्षेत्र में बरेली मोड़ के पास स्थित राजकीय बाल शिशु गृह के हैं, जहां करीब 13 बच्चे रहते हैं, जिनमें कई अनाथ भी शामिल हैं.
पहले भी हो चुकी थी शिकायत
भाजपा जिला पंचायत सदस्य मुकेश दीक्षित ने बताया कि उन्होंने 31 दिसंबर 2024 को इस मामले की शिकायत की थी.उस वक्त केवल केयर टेकर से स्पष्टीकरण लेकर उसे हटाया गया था, लेकिन अब जब वीडियो सामने आ चुके हैं, तो प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है.मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह ने इस मामले को गंभीर मानते हुए स्वयं जांच करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा,'मैं खुद इस पूरे मामले की जांच करूंगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
एफआईआर की मांग
मुकेश दीक्षित ने अब इस मामले में एफआईआर दर्ज करने और आरोपी को सजा दिलाने की मांग की है.उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि बच्चों के साथ की गई बर्बरता है, जिसकी कानूनी रूप से सख्त सजा होनी चाहिए.