नई दिल्ली: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सभी 8 मतपत्रों में AAP मेयर उम्मीदवार के पक्ष में वोट पड़े हैं. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच विवाद के केंद्र में आठ “अमान्य” वोटों की जांच की, और कहा कि उन्हें “वैध वोट के तौर पर फिर से गिना जाएगा और ‘उसी के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे.”
मतपत्रों को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अवैध करार दिए गए 8 बैलेट पेपर पर कुलदीप कुमार का नाम हैं. इन पर एक लाइन लगाई गई थी. सुनवाई के आखिर में कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के वोटों की गिनती दोबारा होनी चाहिए और इन 8 वोटों को वैध मानकर गिनती में शामिल किया जाना चाहिए. उसके बाद नतीजे घोषित किए जाने चाहिए.
इससे पहले सोमवार को सुनवाई में रिटर्निंग ऑफिसर ने कुबूल किया था कि उन्होंने ही बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था.
#BREAKING All 8 ballots have votes cast in favour of the AAP Mayor Candidate, Supreme Court says.#ChandigarhMayorElection https://t.co/5pKbEexxD2
— Live Law (@LiveLawIndia) February 20, 2024
बीजेपी ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की. महापौर पद के लिए बीजेपी के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले. आठ वोट अवैध घोषित किए गए. निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह पर आठ मतों को ‘‘विरूपित’’ करने का आरोप लगा है.
पांच फरवरी को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को ‘‘विरूपित’’ किया है और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.
अदालत ने इसे ‘‘हत्या’’ के समान करार देते हुए ‘‘लोकतंत्र का मजाक’’ बताया था.