Stubble Burning: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाई है. सरकार ने पराली जलाने वालों पर लगाए जाने वाले जुर्माने को दोगुना कर दिया है. पर्यावरण मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को 5,000 रुपये का पर्यावरण जुर्माना देना होगा. वहीं, दो एकड़ से अधिक लेकिन पांच एकड़ से कम जमीन वाले किसानों के लिए यह जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है.
इसके अलावा, पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों को 30,000 रुपये का पर्यावरण जुर्माना देना होगा. सरकार का यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है.
पराली जलाने वालों पर लगा दोगुना जुर्माना
Commission for Air Quality Management in National Capital Region and Adjoining Areas (Imposition, Collection and Utilization of Environmental Compensation for Stubble Burning) Amendment Rules, 2024 to come into effect.
Farmer having an area of land of less than two acres shall… pic.twitter.com/OBDD3pEQH2
— ANI (@ANI) November 7, 2024
इसके साथ ही, केंद्र ने पर्यावरण संरक्षण (जांच की प्रक्रिया और दंड लगाने का तरीका) नियम 2024 भी जारी किए हैं. ये नियम शिकायत दर्ज करने, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शिकायतों की जांच करने, और पर्यावरण प्रदूषण के मामलों में सुनवाई के तरीकों को विस्तार से बताता है. अब शिकायतें निपटाने की प्रक्रिया को दुरुस्त किया गया है, ताकि मामलों को जल्दी और प्रभावी तरीके से सुलझाया जा सके. केंद्र ने पराली जलाने पर दोगुना जुर्माना का फैसला, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम को 'शक्तिहीन' बताए जाने के बाद लिया है.
गौरतलब है कि 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि ‘जन विश्वास अधिनियम’ के तहत उल्लंघन के मामलों में जुर्माने का प्रावधान तो कर दिया गया था, लेकिन इसके लिए नियम और अधिकारी नियुक्त नहीं किए गए थे, जिससे जुर्माने की प्रक्रिया ठप पड़ी हुई थी. कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से कार्रवाई न होने के कारण अधिनियम के सेक्शन 15 के तहत दंडात्मक प्रावधान प्रभावहीन हो गए हैं. कोर्ट ने केंद्र को दो हफ्तों के भीतर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे.