नई दिल्ली. भारतीय सेना द्वारा 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को दो साल पूरे होने जा रहे हैं. इस ऑपरेशन को भारतीय सेना ऐसे अंजाम दिया था कि आतंकियों समेत पाकिस्तान सेना को भी इसकी भनक नहीं लगी थी. जिसके बाद पूरी दुनिया ने भारतीय सेना का लोहा माना. वहीं अब इस दिन को सरकार बेहद खास बनाने जा रही है. देशभर के तमाम स्कूलों और कॉलेजों में समारोह का आयोजन किया जाएगा.
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को गुरुवार को निर्देश दिया कि 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ के तौर पर मनाएं. इस पत्र में लिखा है कि विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए जिसके बाद एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर-तरीकों के बारे में उन्हें संबोधित करें. विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्रों को संवेदनशील करने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल करके संवाद सत्र का आयोजन कर सकते हैं.
University Grants Commission (UGC) issues circular to vice chancellors of all universities, provides list of activities which maybe undertaken on 29th September following Govt of India's decision to celebrate it as 'Surgical Strike Day'. pic.twitter.com/eJ3PxCRdFY
— ANI (@ANI) September 21, 2018
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'सर्जिकल स्ट्राइक' की वो रात
गौरतलब हो कि भारतीय सेना ने उड़ी हमले के 11 दिन बाद सर्जिकल स्ट्राइक किया था. आंतकियों को उनकी करतूत की सजा देने के लिए इंडियन आर्मी के 25 जवानों की टीम पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव पर सवार होकर एलओसी पार कर तीन किलोमीटर अंदर तक जाकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान की सीमा में 15 किलोमीटर अंदर जाने के बाद भारतीय सेना ने तेंदुए के मल-मूत्र का इस्तेमाल किया था, ताकि कुत्तों को शांत रखा जा सके.
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सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक में रॉकेट लॉन्चर, मिसाइल और छोटे हथियार इस्तेमाल किए गए थे. जिसके बाद सेना ने आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर कई को मौत के घाट उतारा. सेना की इस कर्रवाई की भनक पाकिस्तान को नहीं लगी थी. वहीं सेना की बहादुरी की सराहना देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने किया.