पटना: बिहार (Bihar) में शनिवार से जाति आधारित गणना (Caste Based Enumeration) प्रारंभ हो जाएगी. इसके लिए सारी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि जाति आधारित गणना देश भर में हो जाती तो ठीक था. हमलोगों ने इसका प्रयास भी किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि कल (शनिवार) से जाति आधारित गणना शुरू हो रही है. जाति की गणना सही ढंग से हो इसको लेकर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है. गणना कार्य में लगे सभी कर्मचारी एक-एक घर में जाकर एक-एक चीज की जानकारी लेंगे.
उन्होंने कहा कि कई बार लोग जाति की जगह अपनी उप जाति बता देते हैं ऐसी स्थिति में उसके बगल में रहनेवाले व्यक्ति से जाति के संबंध में जानकारी ली जायेगी. सभी लोग अपनी-अपनी जाति के संबंध में सही जानकारी देंगे तो उसकी गणना ठीक ढंग से हो सकेगी. Amazon Layoffs India: भारत में अमेजन 1000 कर्मचारियों की करेगी छंटनी, जानें कंपनी क्यों कर रही ऐसा
नीतीश ने कहा कि अगर यहां का कोई व्यक्ति बाहर में रह रहा है तो उसके साथ भी कम्युनिकेशन ठीक ढंग से होनी चाहिए. इससे सही मायने में सभी जातियों की संख्या की गिनती हो सकेगी. इससे पूरे राज्य की जनसंख्या की गिनती हो जायेगी. लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी सरकार को हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलने से उनके विकास के लिए योजनाएं शुरू करने में मदद मिलेगी, इससे लोगों को फायदा मिलेगा और इलाके का विकास होगा.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोई अगर गरीब है तो उसके लिए क्या किया जाना चाहिए, ये सब जानकारी हो जायेगी. सिर्फ जाति की गणना ही नहीं हो रही है उनकी आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण भी किया जायेगा. इससे एक-एक चीज की जानकारी सरकार को हो जायेगी कि आगे और क्या-क्या काम करना चाहिए जिससे सभी लोगों का विकास हो सके. उन्होंने कहा कि हमलोग चाहते थे कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना हो, लेकिन वे लोग सहमत नहीं हुए तो हमलोगों ने अपने स्तर से बिहार में इसे करने का फैसला लिया. यहां की जाति गणना होने के बाद हमलोग केंद्र को भी जानकारी दे देंगे.