Budget Session 2022: संसद के बजट सत्र की शुरुआत आज से हो रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज ही साल 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश करेंगी. कल वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट (Budget 2022-23) पेश किया जाएगा. Elections 2022: चुनावी रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को लेकर आज समीक्षा बैठक करेगा चुनाव आयोग
आज से शुरू हो रहे बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. विपक्ष ने पेगासस जासूसी (Pegasus Spyware), पूर्वी लद्दाख में चीनी ‘घुसपैठ’, कोरोना प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी की है.
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— ANI Digital (@ani_digital) January 31, 2022
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के मुताबिक आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. बजट सत्र के पहले दो दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होंगे. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा बुधवार से शुरू होगी. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू अभी कोरोना संक्रमित होने के कारण हैदराबाद में आइसोलेशन में है, वह रविवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं.
क्या है पेगासस विवाद, जिसको लेकर मचा है हंगामा
पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर मामले में उच्चतम न्यायालय में दायर एक नई याचिका में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के मामले का संज्ञान लेने तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी आदेश देने की मांग की गई है.
पेगासस केस के मुख्य याचिकाकर्ता एम एल शर्मा ने इस याचिका में कहा है कि न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में विस्तार से कहा गया है कि मोदी सरकार ने जुलाई 2017 में इजरायली फर्म से यह सॉफ्टवेयर खरीदा था.
याचिका में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है, ताकि विवादित सौदे के लिए भुगतान किए गए सार्वजनिक धन की वसूली की जा सके और प्रधानमंत्री मोदी सहित संबंधित व्यक्तियों पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जा सके.
याचिकाकर्ता ने इजरायली कोर्ट को एक अनुरोध पत्र जारी करने के लिए एक याचिका भी दायर की है ताकि एनएसओ कार्यालय और अन्य स्थानों पर छापेमारी के दौरान सरकार द्वारा लिए गए आवश्यक सबूत हासिल किए जा सके .
शीर्ष अदालत ने 27 अक्टूबर को कहा कि उसे सच्चाई जानने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि उसने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.वी. रवींद्रन की निगरानी में पेगासस मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र तकनीकी समिति को नियुक्त किया था . समिति उचित समझने पर जांच कर सकती है और जांच के संबंध में किसी भी व्यक्ति के बयान ले सकती है और किसी भी प्राधिकरण या व्यक्ति के रिकॉर्ड की मांग कर सकती है.
(इनपुट एजेंसी के साथ)