मोदी सरकार ने गुरुवार को लंबे समय से चली आ रही 'ब्रू समुदाय' की समस्या को दूर करने की घोषणा की है. केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि ब्रू शरणार्थी (Bru refugees) के लोग अब स्थायी रूप से त्रिपुरा (Tripura) में बसेंगे. ये लोग लंबे समय से त्रिपुरा में बनाए गए शरणार्थी कैंपों में रह रहे थे. ब्रू समुदाय कहीं बाहर से भारत नहीं आया है, बल्कि यहीं की जनजाति है. इस जनजाति के लोग लंबे समय से अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे. जिन्हें केंद्र सरकार ने मान लिया है. गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा की उपस्थिति में मिजोरम से ब्रू समुदाय के संकट को समाप्त करने और त्रिपुरा में उन्हें बसाने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के बाद ब्रू समुदाय के लोग अब स्थायी रूप से त्रिपुरा में बसाए जाएंगे.
ब्रू समुदाय 1997 में मिजोरम (Mizoram) से विस्थापित हुआ था जिसके बाद से हजारों लोग त्रिपुरा में बनाए गए शरणार्थी कैंपों में रह रहे थे. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा, इसके लिए 600 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है. अमित शाह ने कहा कि ब्रू शरणार्थियों को वहां पर 40 बाई 30 फीट का एक आवासीय प्लॉट दिया जाएगा और समझौतों के अनुसार उनके परिवार के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट भी किया जाएगा. इन लोगों को 5000 रुपये प्रति माह नकद सहायता दी जाएगी.
ब्रू समुदाय मिजोरम का आदिवासी समूह
ब्रू समुदाय मिजोरम का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक आदिवासी समूह है. जुलाई 2018 में आदिवासी समुदाय के इन लोगों को वापस भेजने के लिए एक समझौता हुआ लेकिन यह लागू नहीं हो सका. ब्रू समुदाय के लोगों ने हिंसा के डर से मिजोरम जाने से इनकार कर दिया. ब्रू समुदाय 1997 में मिजोरम से विस्थापित होने के बाद त्रिपुरा में बनाए गए शरणार्थी कैंपों में रह रहे थे.
खूनी संघर्ष से बचकर त्रिपुरा आए
1990 के दशक में मिजो लोगों से ब्रू समुदाय का स्वायत्त डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के मुद्दे पर खूनी संघर्ष हुआ था. हिंसा के बाद लगभग 5000 से ज्यादा परिवार मिजोरम से पलायन कर गए. ब्रू समुदाय का एक बड़ा समूह मिजोरम से त्रिपुरा आ कर शरणार्थी कैंपों में रहने लगा. रिपोर्ट्स के अनुसार अक्टूबर 2019 में लगभग 51 परिवार एक साथ मिजोरम लौटे. इससे पहले भी कई अन्य ब्रू शरणार्थी भी मिजोरम वापस लौटे जिनकी सरकार की ओर से मदद दी गई.
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते 10 सालों में दो हजार से अधिक ब्रू परिवार मिजोरम लौट और वहां बिना किसी मुश्किल के रह रहे हैं. सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे थे कि ब्रू समुदाय के लोग मिजोरम लौटें. हालांकि हिंसा के डर से एक बड़ा तबका त्रिपुरा से मिजोरम नहीं गया.