2021-10-28
ब्रह्मपुत्र मेल(Photo Credits: Twitter / @InfinityRails)
नई दिल्ली , 28 अक्टूबर: हरित परिवहन की दिशा में काम कर रहे भारतीय रेलवे के खाते में गुरुवार को उस समय बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई जब पूरी तरह से बिजली से चलने वाली पहली यात्री ट्रेन ( ब्रह्मपुत्र मेल ) पूर्वोत्तर के असम राज्य में गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन पर पहुंची. यह भी पढ़े: MP Metro Jobs: भोपाल-इंदौर मेट्रो में इन पदों के लिए निकली भर्तियां, वेतन 50,000 से 2,80,000 रुपये तक, यहां पढ़ें पूरी जानकारी
इस उपलब्धि के साथ ही ब्रह्मपुत्र मेल पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन तक बिजली से चलने वाली पहली यात्री ट्रेन बन गई है. वापसी में भी यह ट्रेन कामाख्या स्टेशन से बिजली के ट्रैक पर चलकर ही दिल्ली के लिए रवाना हुई. एक दिन पहले बिजली से चलने वाली पार्सल ट्रेन के सफल संचालन के बाद यह ट्रेन गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन तक बिजली से चलने वाली पहली मेल/एक्सप्रेस यात्री ट्रेन बन गई है और इसी के साथ पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में एक नए युग की शुरूआत भी हो गई है.
आपको बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत कुल 760 किलोमीटर मार्ग / 1701 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जा चुका है. अब तक, कटिहार और मालदा से न्यू कूचबिहार तक बिजली से चलने वाले इंजन की ट्रेनें आ रही थीं, जहां ट्रेन से बिजली से चलने वाले इंजन को अलग किया जा रहा था और आगे की यात्रा के लिए डीजल इंजन को जोड़ा जा रहा था. अब रेलवे के विद्युतीकरण कार्य पूरा होने और कामाख्या तक रेल खंड के चालू होने के साथ, ये ट्रेनें बिना इंजन बदल सीधे कामाख्या तक जाएंगी.
डीजल के मुकाबले बिजली से चलने वाली ट्रेनें उच्च गति क्षमता, सुपरफास्ट ट्रेनों के संचालन के लिए उपयुक्त होने , समय और ऊर्जा की बचत, उन्नत ब्रेकिंग तकनीक, उच्च हॉर्स पावर के साथ उच्च क्षमता वाले इंजन, विश्वसनीयता, लाइन क्षमता में सुधार, प्रदूषण मुक्त परिवहन, कम रख-रखाव और कम परिचालन लागत के कारण ज्यादा बेहतर मानी जाती हैं.
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देश
IANS|
Oct 29, 2021 12:38 PM IST
2021-10-28
ब्रह्मपुत्र मेल(Photo Credits: Twitter / @InfinityRails)
नई दिल्ली , 28 अक्टूबर: हरित परिवहन की दिशा में काम कर रहे भारतीय रेलवे के खाते में गुरुवार को उस समय बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई जब पूरी तरह से बिजली से चलने वाली पहली यात्री ट्रेन ( ब्रह्मपुत्र मेल ) पूर्वोत्तर के असम राज्य में गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन पर पहुंची. यह भी पढ़े: MP Metro Jobs: भोपाल-इंदौर मेट्रो में इन पदों के लिए निकली भर्तियां, वेतन 50,000 से 2,80,000 रुपये तक, यहां पढ़ें पूरी जानकारी
इस उपलब्धि के साथ ही ब्रह्मपुत्र मेल पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन तक बिजली से चलने वाली पहली यात्री ट्रेन बन गई है. वापसी में भी यह ट्रेन कामाख्या स्टेशन से बिजली के ट्रैक पर चलकर ही दिल्ली के लिए रवाना हुई. एक दिन पहले बिजली से चलने वाली पार्सल ट्रेन के सफल संचालन के बाद यह ट्रेन गुवाहाटी के कामाख्या स्टेशन तक बिजली से चलने वाली पहली मेल/एक्सप्रेस यात्री ट्रेन बन गई है और इसी के साथ पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में एक नए युग की शुरूआत भी हो गई है.
आपको बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत कुल 760 किलोमीटर मार्ग / 1701 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जा चुका है. अब तक, कटिहार और मालदा से न्यू कूचबिहार तक बिजली से चलने वाले इंजन की ट्रेनें आ रही थीं, जहां ट्रेन से बिजली से चलने वाले इंजन को अलग किया जा रहा था और आगे की यात्रा के लिए डीजल इंजन को जोड़ा जा रहा था. अब रेलवे के विद्युतीकरण कार्य पूरा होने और कामाख्या तक रेल खंड के चालू होने के साथ, ये ट्रेनें बिना इंजन बदल सीधे कामाख्या तक जाएंगी.
डीजल के मुकाबले बिजली से चलने वाली ट्रेनें उच्च गति क्षमता, सुपरफास्ट ट्रेनों के संचालन के लिए उपयुक्त होने , समय और ऊर्जा की बचत, उन्नत ब्रेकिंग तकनीक, उच्च हॉर्स पावर के साथ उच्च क्षमता वाले इंजन, विश्वसनीयता, लाइन क्षमता में सुधार, प्रदूषण मुक्त परिवहन, कम रख-रखाव और कम परिचालन लागत के कारण ज्यादा बेहतर मानी जाती हैं.