देश के मिसाइल मैन अब्दुल कलाम का आज जन्मदिन है. वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे. अब्दुल कलाम विलक्षण व्यक्तित्व व्यक्ति थे, उन्होंने देश की कई मिसाइल को उड़ान दी थी. पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी. साल 2015' को आईआईटी गुवाहाटी में संबोधन के दौरान देहांत हो गया था.
भारत रत्न' से नवाजे गए पूर्व राष्ट्रपति, स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विचार उनके दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके किए गए काम, उनकी सोच और उनका संपूर्ण जीवन देश के लिए प्रेरणास्रोत है.
देश के महान राष्ट्रनिर्माता के बारे में जानें कुछ बेहद रोचक बातें
- डॉक्टर अब्दुल कलाम पायलट चाहते थे लेकिन किन्ही कारणों से पायलट नहीं बन पाए. फिर हार नहीं मानते हुए जीवन ने उनके सामने जो रखा उन्होंने उसे ही स्वीकार कर साकार कर दिखाया. उनका मानना था कि जीवन में कुछ भी यदी आप पाना चाहते हैं तो आपका बुलंद हौसला ही आपके काम आएगा.
- अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्र निर्माता में से एक है, उन्हें पीपुल्स प्रेसीडेंट भी कहा जाता है.
- मिसाइल मैन के नाम से जाने जाने वाले ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं.
- कलाम के पिता पेशे से नाविक थे और ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे. वे मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे. पांच भाई और पांच बहनों वाले परिवार को चलाने के लिए पिता के पैसे कम पड़ जाते थे इसलिए शुरुआती शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा.
- 8 साल की काम उम्र से ही अब्दुल कलाम सुबह 4 बचे उठते थे और नहा कर गणित की पढ़ाई करने चले जाते थे. सुबह जल्दी नहा कर जाने के पीछे कारण यह था कि प्रत्येक साल पांच बच्चों को मुफ्त में गणित पढ़ाने वाले उनके शिक्षक बिना नहाए आए बच्चों को नहीं पढ़ाते थे. ट्यूशन से आने के बाद वो नमाज पढ़ते और इसके बाद वो सुबह आठ बजे तक रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर न्यूज पेपर बांटते थे.
- उनका ज्ञान और व्यक्तित्व कुछ ऐसा था कि उन्हें 40 यूनिवर्सिटियों से डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि हासिल हुई.
- उनकी लिखी हुई पुस्तकें विंग्स ऑफ फायर, इंडिया 2020, इग्नाइटेड मांइड, माय जर्नी आदि है. अब्दुल कलाम को 48 यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूशन से डाक्टरेट की उपाधि मिली है.
- कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया. भारत के सर्वोच्च पर पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया.
- एक बार रमजान के दौरान कलाम ने अपने सचिव को बुला कर कहा कि इफ्तार भोज में जो आएंगे, वे सब तो खाते-पीते घरों के लोग होंगे. इफ्तार भोज पर होने वाले खर्चे के बारे में पूछने पर उन्हें पता चला कि भोज पर करीब ढाई लाख रुपए का खर्च आता है. इस पर कलाम ने यह पैसा अनाथालयों में देने का फैसला किया. 28 अनाथालयों में जरूरी सामान बांटने के बाद कलाम ने सचिव नायर से कहा कि ये सारा सामान से सरकारी पैसे से खरीदा गया है, इसमें उनका तो कुछ योगदान नहीं है. इसलिए फिर कलाम ने अपने अकाउंट से एक लाख रुपये का चेक दिया और सचिव से कहा कि इसका भी वैसे ही उपयोग करें, जैसे इफ्तार भोज के पैसे का किया है.
- कहते हैं कि कलाम ने अपनी पूरी प्रफेशनल जिंदगी में केवल 2 छुट्टियां ली थीं. एक, अपने पिता की मौत के समय और दूसरी, अपनी मां की मौत के समय.