नई दिल्ली: बिहार की राजनीति में हलचल और तेज होने वाली है. चुनाव आयोग (Election Commission) अगले हफ्ते विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) की तारीखों का ऐलान कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होने के बाद चुनावी कार्यक्रम सामने आएगा. सूत्रों के मुताबिक, बिहार में मतदान की शुरुआत अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर के पहले हफ्ते में हो सकती है. चूंकि छठ महापर्व 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, इसलिए चुनाव की पहली चरण की वोटिंग इसके बाद कराई जाएगी.
चुनाव आयोग इस बार सख्ती बरतने के मूड में है. जानकारी के अनुसार, बिहार चुनाव और उपचुनावों की निगरानी के लिए करीब 470 पर्यवेक्षकों की तैनाती की जाएगी. वहीं 3 अक्टूबर को इन पर्यवेक्षकों चुनाव, पुलिस और खर्च से जुड़े अधिकारियों की विशेष बैठक भी होगी.
मतदाता सूची का खास महत्व
बिहार की नई मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी होगी. यह सूची स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद तैयार की गई है, जो 22 साल बाद हुआ है. 1 अगस्त को इसका ड्राफ्ट जारी किया गया था और 1 सितंबर तक इसमें संशोधन व आपत्तियां दर्ज कराई गईं. ड्राफ्ट सूची में करीब 7.24 करोड़ मतदाता शामिल थे.
विपक्ष का आरोप और आयोग का जवाब
SIR को लेकर बिहार की राजनीति में विवाद भी गहराया. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया "वोट चोरी" की साजिश है और लाखों मतदाताओं को सूची से बाहर कर सकती है. हालांकि, चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि किसी भी योग्य नागरिक को वोटर लिस्ट से बाहर नहीं किया जाएगा.
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. 2020 के चुनाव में कुल 243 सीटों में से एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी 74 और जेडीयू 43 सीटों पर सफल रही थी. वहीं विपक्षी गठबंधन (INDIA Bloc) को 110 सीटें मिली थीं, जिसमें आरजेडी 75, कांग्रेस 19 और वाम दलों को कुल 16 सीटें मिली थीं.













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