नई दिल्ली: देशभर में आज दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है, लेकिन वहीं दूसरी ओर यह दिन पंजाब के अमृतसर के लोगों के लिए सबसे दुखद दिन है. पिछले साल दशहरे के दिन जो हुआ उससे पूरा देश रो उठा था. कहने को तो अमृतसर के इस रेल हादसे को एक साल पूरा हो गया है लेकिन जिन लोगों ने अपनों को खोया उनका दर्द आज भी भर नहीं पाया है. पिछले साल के दशहरे के दिन हुए हादसे की दर्दनाक यादे आज भी यहां के लोगों के मन भी ताजा है. न अपनों को खोने का गम कम हुआ है न ही ये यादें उनके मन से गई हैं. पिछले साल अमृतसर में पटरी पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे तभी ट्रेन से कटकर 60 लोगों की जान चली गई थी.
अमृतसर के जोड़ा फाटक में हुए इस दर्दनाक हादसे को ये लोग नहीं भूल सकते है. अपनों को इस तरह खो देने का गम आज भी वैसा ही है. जिसने ने भी वो दर्दनाक मंजर को देखा, वह दहल उठा. लोगों के लिए विश्वास कर पाना मुश्किल था कि उत्सव मातम में कैसे बदल गया. आइए जानते हैं अमृतसर में हुए इस रेल हादसे के बारे में जिसका दर्द भर पाना बेहद मुश्किल है.
हादसे में 60 लोगों की हुई थी मौत
बीते साल अमृतसर के जोड़ा फाटक पर दशहरा का उत्सव चल रहा था. दशहरे की धूम थी. रावण दहन देखने के लिए लोगों में बड़ा उत्साह था. कई लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. तभी एक तेज रफ्तार ट्रेन इस खुशी के बीच मौत का मातम लेकर आई. ट्रेन के गुजरते ही लोगों की खुशी गम और आंसू में बदल गई. इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई. दर्जनों लोग घायल हुए.
एक साल बाद भी परिजनों को नहीं मिला न्याय-
Punjab: Families of the victims of 2018 Amritsar train accident take out a protest march in Amritsar; say "It has been a year but justice has not been meted out to us yet. So we are going to sit on protest on railway track. We had to do several rounds of offices the entire year." pic.twitter.com/KFPG3mcHp8
— ANI (@ANI) October 8, 2019
इस साल नहीं मनाया जाएगा दशहरा
अमृतसर के जोड़ा फाटक में आज मंगलवार को दशहरा नहीं मनाया जाएगा. इस साल यहां रावण दहन का भी आयोजन नहीं किया जाएगा. हादसे को एक साल गुजर जाने के बाद सोमवार रात को लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. शहर में कैंडल मार्च निकाला गया. मृतकों के परिवार वालों के साथ सैकड़ों लोग इस मार्च में शामिल हुए.
एक साल बार भी न्याय नहीं
पिछले साल हुए इस रेल हादसे में रेल सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (सीसीआरएस) द्वारा की जा रही जांच में 22 नवंबर को इस हादसे के लिए रेलवे ट्रैक पर खड़े लोगों की 'लापरवाही' और 'अनाधिकार प्रवेश' को जिम्मेदार ठहराया गया. परिवार वालों को अपने को खोने के साथ-साथ इस बात का भी गम है कि हादसे में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया था.
पीड़ित परिवार वाले एक साल बाद भी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पीड़ित परिवारों का कहना है कि हादसे में जान गंवाने वाले पीड़ित परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का वादा आजतक पूरा नहीं हो पाया है. मंगलवार को भी पीड़ित परिवारों ने प्रदर्शन किया उन्होंने कहा " एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक हमें न्याय नहीं मिला है. इसलिए हम रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. हमें पूरे साल कई कार्यालयों के चक्कर काटने पड़े."