कोरोना संकट के बीच दवाओं के निर्यात प्रतिबंधों में दी गई ढील, सरकार ने इन 24 एपीआई से बैन हटाया
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी का संकट बढ़ता जा रहा है. इस बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 24 एक्टिव फार्मास्यूटिकल सामग्री (API) और उनसे बने फार्मूलों से निर्यात (Export) प्रतिबंध हटा दिया है. जिसके बाद अब इन्हे दूसरे देशों को बेचा जा सकता है. हालांकि इस में हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) और पैरासिटामोल (Paracetamol) शामिल नहीं है.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से 12 सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) और 12 एपीआई के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. जीके बाद अब इनके निर्यात पर छुट मिल गई है. कोरोना वायरस के चलते मुंबई में 24 घंटे में 4 की मौत, 68 नए मामले दर्ज

सरकार देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण परिस्थिति बिगड़ने की आशंकाओं को देखते हुए मार्च के पाले हफ्ते में एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों की निर्यात को रोक दिया था. सरकार ने सक्रिय औषधि अवयव (एपीआई) और उनके द्वारा तैयार नुस्खों के सम्बंध में निर्यात नीति तथा प्रतिबंधित निर्यात में संशोधन किया. अमेरिका: प्रेसिडेंट ट्रंप ने फिर मांगी भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा, कहा- आप दवाएं भेजेंगे तो अच्छा

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने देश में जरूरी दवाओं की कमी नहीं हो इसलिए अगले आदेश तक पैरासिटामोल, टिनिडेजोल, मेट्रोनीडेजोल, ऐसीक्लोविर, विटामिन बी 1. विटामिन बी 6, विटामिन बी 12, प्रोजेस्टेरोन, क्लोरेमफेनिकोल, एरिथ्रोमाइसिन साल्ट, नियोमाइसीन, क्लिंडामाइसिन साल्ट, ऑरनीडिजोल पर प्रतिबंध लगाया था.

केंद्र सरकार ने हाल ही में मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के निर्यात पर पाबंदी और सख्त कर दी. एक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन तथा इससे बनने वाली अन्य दवाओं का निर्यात अब सेज से भी नहीं हो सकेगा, भले ही इसके लिये पहले मंजूरी दी जा चुकी हो अथवा भुगतान किया जा चुका हो. निर्यात पर बिना किसी छूट के पाबंदी रहेगी.’’

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है. हालांकि भारत ने हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन भेजने को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है.