एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय  और AI प्रबंधन से बकाया राशि देने की मांग की, साथ ही पायलटों को एयरलाइन छोड़ने की दी जाए अनुमति
एयर इंडिया (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: एयर इंडिया (Air India) वित्तीय संकट से पहले ही चल रही थी. देश में कोरोना महामारी के बीच लागू लॉकडाउन के चलते विमानों का परिचालन बंद होने से एयर इंडिया और वित्तीय संकट में चली गई. जिसकी वजह से विमान के पायलटों का पहले से ही समय पर नहीं आ रहा था. वहीं अब कोरोना संकट के बीच उनके वेतन देने को लेकर और संकट बढ़ता ही जा रहा है. जो अब उनके वेतन काटे जा रहे है. ऐसे में एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन (Air India Pilots Association) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया केप्रबंधन से बकाया राशि देने की मांग को लेकर गुरुवार को एक बैठक की. जिस बैठक में एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन की तरफ से उनके सभी बकाया राशि देने की मांग की गई है.

एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन ने इन दोनों विभागों के साथ उनके वेतन को लेकर हुई बैठक के बारे में पत्र लिखकर जानकारी दी है. एसोसिएशन की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया है कि हमने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयर इंडिया के प्रबंधन को बताया है कि लंबे समय से लंबित बकाया वेतन का जल्द से जल्द भुगतान किया जाए औऱ पायलटों को तत्काल प्रभाव से एयर इंडिया छोड़ने की अनुमति दें. यह भी पढ़े: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी बोले- हमारे पास कोई विकल्प नहीं, एयर इंडिया का निजीकरण करना ही होगा

एयर इंडिया के कंपनी के भारत में करीब 2,500 कर्मचारी हैं जिनमें से 600 करीब पायलट हैं. जिनके वेतन एयर इंडिया के वित्तीय संकट के चलते पायलटों का वेतन सही समय पर नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि अभी तक एयर इंडिया का कोई खरीददार नहीं मिल पाया है. वहीं ऐसे में पायलटों के 40 फीसदी वेतन मई और जून के काट दिए गए हैं.

वहीं सूत्रों के हवाले से कहा कहा गया कि पहले एक पायलट को 70 घंटे के उड़ान समय के हिसाब से वेतन दिया जाता था. इसे घटाकर 20 घंटे कर दिया गया है. इससे एक सहायक पायलट (फर्स्ट ऑफीसर) का वेतन एक लाख चालीस हजार रुपये से घटकर 40,000 रुपये प्रति माह रह गया है, जबकि मुख्य पायलट (कैप्टन) का वेतन 3.45 लाख रुपये से घटकर एक लाख रुपये प्रति माह रह गया है. (इनपुट भाषा)