नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा संचालित विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) पिछले कुछ साल से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है. हालांकि सरकार की तरफ से आर्थिक संकट से उबारने को लेकर काफी कोशिशें की गई. लेकिन सभी कोशिशें नाकामयाब होने के बाद इस कंपनी को बेचने को लेकर मन बना ली है. दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि एअर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया जारी है. अब इसके निजीकरण करने के अलावा सरकार के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं हैं. क्योंकि कंपनी भारी कर्ज में डूब चुकी है.
मीडिया के बातचीत में पूरी ने कहा कि एअर इंडिया एक राष्ट्रीय संपति है. ये महाराजा ब्रैंड के तौर पर दुनिया में जानी जाती है. लेकिन कर्ज के बोझ के चलते सरकार द्वारा चला पाना अब मुश्किल हो रही है. ऐसे में हमारे पास निजीकरण करने को लेकर कोई विकल्प नहीं बचा है. इसलिए विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी वे कह चुके हैं. कि उनके पास निजीकरण करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं हैं. यह भी पढ़े: एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो इसे बंद करना पड़ेगा: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
Union Civil Aviation Minister Hardeep Singh Puri: I had said earlier also, for us it is not an option, Air India has to be privatised. pic.twitter.com/1yETgm8j97
— ANI (@ANI) December 31, 2019
58,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज:
एक रिपोर्ट्स के अनुसार एयर इंडिया पर 58,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज का बोझ है. इस वजह से हजारों पायलटों की सैलरी भी अटकी हुई है. हाल ही में विमान के पायलटों के बकाये का भुगतान न होने को लेकर उनकी यूनियन ने चिंता जताया था और सरकार से मांग की थी कि कर्मचारियों को बिना नोटिस दिए कंपनी छोड़ने की अनुमति दी जाएं.