नई दिल्ली, 30 नवंबर: साइबर हमले के बाद देश के प्रमुख अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का सर्वर बुधवार को लगातार आठवें दिन भी ठप रहा जिससे ‘ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट’ प्रणाली बंद रही वहीं ओपीडी में आने वाले रोगियों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने से लंबी कतारें लग गईं. India-Pakistan Border: BSF ने मार गिराए 16 पाकिस्तानी ड्रोन, सीमा पर लगेंगे 5500 अतिरिक्त कैमरे
अधिकारियों ने बताया कि मरीजों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मी तैनात किए हैं. बाह्य रोगी, भर्ती रोगी और प्रयोगशाला सहित सभी अस्पताल सेवाओं को कागजी रूप से प्रबंधित किया जा रहा है.
ओपीडी के अलावा डायग्नोस्टिक केंद्रों और बिलिंग काउंटरों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं. अस्पताल के अधिकारियों के साथ ही अन्य एजेंसियां सर्वर को बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं. इससे पहले मंगलवार को, अधिकारियों ने बताया कि सर्वर पर ‘ई-अस्पताल डेटा’ बहाल कर लिया गया है.
एम्स-दिल्ली ने एक बयान में कहा, ‘‘डेटा बहाली और सर्वर को दुरुस्त करने का कार्य प्रगति पर है और डेटा की मात्रा तथा अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर की बड़ी संख्या के कारण कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं.’’
आपातकालीन मामलों में व्हाट्सऐप की मदद ली जा रही है और क्योंकि डॉक्टर रोगियों की जांच रिपोर्ट साझा करने के लिए इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं. एक डॉक्टर ने कहा, "अगर भौतिक रूप से किया जाता है, तो मरीजों की बड़ी संख्या को देखते हुए घंटों लग जाएंगे.’’
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसियों की सिफारिशों के अनुसार अस्पताल में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन), दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि रैंसमवेयर हमले की जांच कर रहे हैं. रैंसमवेयर हमले के कारण कंप्यूटर तक पहुंच बाधित हो जाती है. सूत्रों ने बताया कि करीब 2400 कंप्यूटर में एंटीवायरस ‘मैन्युअल’ तरीके से डाला गया है.
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