23 वर्षीय लॉ छात्रा द्वारा लगाए गए रेप के आरोपी में गिरफ्तारी के बाद हिंदू संतों और तपस्वियों के संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) ने भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद (Chinmayanand) को समुदाय से निष्कासित करने का फैसला किया है. इस मामले पर 10 अक्टूबर को हरिद्वार में सभी अखाड़ों की बैठक बुलाई है. सूत्रों के मुताबिक, जब तक उन्हें बरी नहीं किया जाता वह संत समुदाय से बाहर रहेंगे. लॉ छात्रा द्वारा चिन्मयानंद पर बलात्कार के आरोप लगाए जाने के एक महीने बाद, उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है.
चिन्मयानंद को शाहजहांपुर की एक स्थानीय अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस के अनुसार चिन्मयानंद ने अपने खिलाफ मिले सभी सबूतों को स्वीकार किए हैं. ये मामला सामने तब आया जब पीड़िता 24 अगस्त को फेसबुक पोस्ट डालने के बाद लापता हो गई. इस पोस्ट में लड़की ने आरोप लगाया था कि, 'संत समाज' के एक व्यक्ति ने उसे और उसके परिजनों को मारने की धमकी दी थी. इस पोस्ट में लड़की ने तब चिन्मयानंद का नाम नहीं लिया था.
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लापता होने के 6 दिन बाद लड़की को राजस्थान से ट्रेस किया गया और शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद उसी दिन सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया गया. शीर्ष अदालत ने तब मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया.