Kashi Utsav 2021: वाराणसी में तीन दिवसीय 'काशी उत्सव' का आयोजन, गीत-संगीत और कला-साहित्‍य के दिग्‍गजों का होगा जमावड़ा
गंगा घाट (Photo Credits: pxhere)

Kashi Utsav 2021: काशी (Kashi) की प्रतिष्ठित एवं पुरातन विरासत तथा संस्कृति का उत्सव मनाने के लिए वाराणसी (Varanasi) में तीन दिवसीय कार्यक्रम 'काशी उत्सव' आयोजित किया जा रहा है. विशेष रूप से इस आयोजन में गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas), संत कबीर (Sant Kabir), संत रैदास (Sant Raidas), भारतेंदु हरिश्चंद्र (Bharatendu Harishchandra), मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) और श्री जयशंकर प्रसाद (Jai Shankar Prasad) जैसे सदियों पुराने कवियों तथा लेखकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस कार्यक्रम का आयोजन वाराणसी के रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं कन्वेंशन सेंटर में 16 से 18 नवंबर, 2021 तक किया जाएगा. यह भी पढ़ें: Uttar Pradesh: 14 करोड़ से ज्यादा टीका लगाने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

भारत सरकार की पहल पर प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाने के लिए 'आजादी का अमृत महोत्सव' के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य सरकार और वाराणसी प्रशासन के सहयोग से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र- आईजीएनसीए इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है.

वाराणसी या काशी को इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार इतिहास तथा देदीप्यमान सुंदरता के कारण इस महोत्सव के लिए चुना गया है. भारत की सबसे लंबी नदी गंगा काशी से होकर बहती है और इस आयोजन के लिए चुनी गई छह दिग्गज हस्तियों सहित शहर के कलाकारों, विद्वानों तथा लेखकों के लिए यह प्रेरणा का स्रोत है. यह उत्सव काशी के प्रतिष्ठित गौरव को सामने रखने में मदद करेगा जो हर एक समयकाल की पौराणिकता को जन्म देता है.

उत्सव के प्रत्येक दिन के लिए एक विषय निर्धारित किया गया है और ये हैं: 'काशी के हस्ताक्षर'; 'कबीर, रैदास की बानी और निर्गुण काशी' तथा 'कविता और कहानी- काशी की जुबानी' कार्य्रक्रम का पहला दिन प्रख्यात साहित्यकारों, भारतेंदु हरिश्चंद्र और श्री जयशंकर प्रसाद पर केंद्रित होगा. दूसरे दिन प्रमुख कवि संत रैदास और संत कबीर दास पर प्रकाश डाला जाएगा तथा उत्सव के अंतिम दिन गोस्वामी तुलसीदास और मुंशी प्रेमचंद केंद्र बिंदु के रूप में होंगे.

यह आयोजन पैनल चर्चा, प्रदर्शनियों, फिल्म स्क्रीनिंग, संगीत, नाटक और नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से काशी के इन व्यक्तित्वों को प्रमुखता देगा. नामी कलाकार इस कार्यक्रम में प्रस्तुति देंगे. डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) 16 नवंबर, 2021 को 'मैं काशी हूं' विषय पर एक कार्य्रक्रम प्रस्तुत करेंगे, जबकि सदस्य संसद श्री मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) महोत्सव के अंतिम दिन 'तुलसी की काशी' पर एक संगीतमय प्रस्तुति देंगे. उत्सव के दौरान सुश्री कलापिनी कोमकली, श्री भुवनेश कोमकली, पद्मश्री से सम्मानित श्री भारती बंधु और सुश्री मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) जैसे कलाकारों द्वारा कई भक्तिमय कार्य्रक्रम भी प्रस्तुत होने हैं.

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के कलाकारों द्वारा रानी लक्ष्मी बाई पर आधारित एक नाटक 'खूब लड़ी मर्दानी' प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे 18 नवंबर, 2021 को एनएसडी के सुश्री भारती शर्मा द्वारा निर्देशित किया गया है. इसके अलावा 16 नवंबर, 2021 को श्री जयशंकर प्रसाद के महाकाव्य 'कामायनी: डांस ड्रामा' पर आधारित एक और नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी. इस नाटक का निर्देशन वाराणसी के श्री व्योमेश शुक्ल ने किया है.

महोत्सव में वाराणसी पर आईजीएनसीए की फिल्मों को भी शामिल किया गया है. ये फ़िल्में हैं: श्री वीरेंद्र मिश्रा की 'बनारस एक सांस्कृतिक प्रयोग'; श्री पंकज पाराशर द्वारा निर्देशित 'मेरी नज़र में काशी'; श्री पंकज पाराशर द्वारा ही निर्देशित 'मनभवन काशी'; श्री दीपक चतुर्वेदी की 'काशी पवित्र भुगोल'; श्री सत्यप्रकाश उपाध्याय द्वारा बनाई गई 'मेड इन बनारस'; सुश्री राधिका चंद्रशेखर द्वारा निर्देशित 'काशी गंगा विश्वेश्वरै'; सुश्री राधिका चंद्रशेखर की ही 'मुक्तिधाम'; श्री अर्जुन पांडे द्वारा निर्देशित 'काशी की ऐतिहसिकता' और श्री अर्जुन पांडे द्वारा निर्देशित 'काशी की हस्तियां'.